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    मनु भाकर

    भारत की युवा शूटर खिलाड़ी मनु भाकर ने राजधानी के सिरी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में अपने अभ्यास सत्र को खत्म किया। जहां वहा आगामी विश्वकप के लिए अभ्यास कर रही थी।

    इस अभ्यास सत्र मे मनु के साथ लाइन में एक और युवा खिलाड़ी भी शामिल थी- देवांशी राणा, भारत के सबसे सफल जूनियर शूटिंग कोच जसपाल राणा की बेटी। देवांशी ने अपने नाम बढ़ाने की शुरूआत खेलो इंडिया यूथ गेम्स से की थी, जहां उन्होने हाल में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था।

    यह युवा जोड़ी टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बात करने के लिए सहमत हुई। जहां मनु ने पहले कहां, ” प्लीज मुझे एक मिनट चाहिए मैं अपनी जूते बदलकर आयी। मैं दो मिनट के बाद वापस आती हूं।”

    जिसके बाद दोनो शूटिंग रेंज से अपना अभ्यास सत्र खत्म करके बाहर आए, जिसके बाद दोनो एक दूसरे को देख रहे थे और एक दूसरे के साथ हंसी मजाक कर रहे थे। दोनो खिलाड़ी अच्छे मूड में थी, और उसके बाद मनु और देवांशी ने अच्छी बातचीत करने में और देरी नही करवायी। जहां उन्होने अपनी लाइफ और अपनी शूटिंग लाइफ से बाहर की बाते भी की।

    इन दोनो युवा खिलाड़ियो को शूटिंग कोच जसपाल राणा द्वारा ही अभ्यास करवाया जाता है। जो देवांशी के पिता भी है।

    राणा एक कठोर कोच है और वह खिलाड़ियो को उनकी गलती पर कभी भी डांटने से नही चूंकते। देवांशी ने कहा, ” मैंने उन्हें हमेशा एक कोच के रूप में देखा है क्योंकि मैं जब उनके आसपास रही हू तो शूटिंग रेंज में ही रही हूं। लेकिन घर में वह पूरी तरह से अलग इंसान है।”

    19 साल की खिलाड़ी ने खुशी के साथ कहा, “तो मैंने उनके दोनो रूप देखे है जो शायद ही कभी किसी ने देखे हो। वह घर पर बड़े शांत है और रचना करने वाले है लेकिन फायरिंग लाइन पर, जब उनको मेरको आग देने की जरूरत होती है तो वह अवश्य रूप से देते है।”

    मनु के साथ छात्र-शिक्षक संबंध सामने आता है। लेकिन वह उनको सलाहकार के रूप में मानती है।

    2018 राष्ट्रमंडल और युवा ओलंपिक की गोल्ड मेडलिस्ट ने कहा, “मैं तब 14-15 साल की थी जब मैं उनसे पहली बार जूनियर इंडिया कैंप में मिली थी। सब उनसे डरे हुए थे और कहते थे कि वह बहुत कड़क है और कई बाते। लेकिन मुझे इन सब में पड़ने का बहुत शौक था।

    हां, वह बहुत कठोर है जब बात आती है अनुसूची, तकनीकी, शारीरिक फिटनेस और डाईट की। लेकिन इसके अलावा वह बड़े शांत इंसान है और दोस्तान व्यवहार रखते है।”

    देवांशी इस समय कॉलेज स्टूंडेट है और मनु अभी अपनी स्कूल की पढाई कर रही है और उनका स्कूल पूरा नही हुआ है। वह इस समय 12वी क्लास में है और अगले महीने से उनके बोर्ड के पेपर है। लेकिन उससे पहले दिल्ली में शूटिंग विश्वकप खेला जाएगा, जो की 20 फरवरी से खेला जाएगा। तो मनु के पास इस समय अपनी शूटिंग की ट्रेनिंग और परीक्षा को लेकर बहुत दवाब है।

    मनु ने कहा, “मैं जानती हूं कि पढ़ाई हम सबके लिए बहुत जरूरी है। मैं इस समय 12वी क्लास में है और मार्च के पहले सप्ताह से मेरे एग्जाम शुरू हो जाएंगे। यह मेरे बोर्ड एग्जाम है और यहां मैं अच्छे मार्क्स लाना चाहती हूं। मैं इस समय पढ़ाई कर रही हूं। लेकिन मेरे लिए बहुत मुश्किल हो रहा है क्योंकि मैं ज्यादा नही पढ़ पा रही हूं।”

    यही नही मनु इस के साथ यह आशा भी करती है की वह शूटिंग विश्वकप में मेडल लेकर आएगी।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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