मध्य प्रदेश में वन्दे मातरम पर उठा विवाद थमता नज़र नहीं आ रहा। हर महीने की पहली तारीख को सचिवालय में वन्दे मातरम गाये जाने की 13 साल पुरानी परंपरा टूटने से उठे विवाद के बीच मध्य प्रदेश के के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि सचिवालय में वन्दे मातरम गाने पर अस्थाई रूप से रोक लगाईं गई है। जल्द ही सरकार वन्दे मातरम को नए रूप में लाएगी।
उन्होंने कहा “वन्दे मातरम पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। वो (भाजपा) राम मंदिर से लेकर वन्दे मातरम तक पर राजनीति करते हैं। मैं इसकी निंदा करता हूँ। मैं वन्दे मातरम को नया रूप दूंगा।”
“हमारा राष्ट्रीय गीत का विरोध करने का कोई इरादा नहीं है। महीने के पहले दिन सचिवालय में वंदे मातरम सुनाने के आदेश अस्थाई रूप से रोक लगाईं गई है। आदेश को नए रूप में लागू करने का निर्णय लिया गया है।” मुख्यमंत्री ने सवाल किया “क्या जो वंदे मातरम नहीं गाते हैं वे देशभक्त नहीं हैं?”
उन्होंने कहा कि “हम सब दिल से देशभक्त है। कोई एक दिन वन्दे मातरम गा कर देशभक्त नहीं बन सकता।”
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस विवाद में दखल देते हुए कांग्रेस के नयी सरकार की कड़ी आलोचन की और कहा कि सरकारें आती है जाती है लेकिन देशभक्ति सबसे ऊपर रहता है।
उन्होंने तवीत कर कहा “अगर कांग्रेस को राष्ट्रगीत के शब्द नहीं आते या फिर गाने में शर्म आती है तो मैंने प्रत्येक महीने की पहली तारीख को जनता के साथ वन्दे मातरम गाऊंगा।”
अगर कांग्रेस को राष्ट्र गीत के शब्द नहीं आते हैं या फिर राष्ट्र गीत के गायन में शर्म आती है, तो मुझे बता दें! हर महीने की पहली तारीख़ को वल्लभ भवन के प्रांगण में जनता के साथ वंदे मातरम् मैं गाऊँगा।
जय हिंद!
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 1, 2019
चौहान ने एक और तवीत करते हुए सरकार को चुनौती दी कि रोक के बावजूद 7 जनवरी को सुबह 10 बजे भाजपा के सभी विधायक सचिवालय में वन्दे मातरम गायेंगे।
मैं और @BJP4MP के समस्त विधायक विधानसभा सत्र के पहले दिन 7 जनवरी, 2019 को प्रातः 10:00 बजे वल्लभ भवन के प्रांगण में वंदे मातरम् का गान करेंगे। इस मुहिम से जुड़ने हेतु आप सभी का स्वागत है। https://t.co/5h6W16NJSZ
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 2, 2019
करीब 20 दिन पहले मध्य प्रदेश में सत्ता में आने के बाद कांग्रेस की सरकार भाजपा सरकार के फैसलों को एक -एक कर पलटना शुरू कर दिया है।