मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम सबसे दिलचस्प रहे और अंत अंत तक भाजपा और कांग्रेस बहुमत के जादुई आंकड़े 116 तक पहुँचने की कोशिश करते दिखे लेकिन देर रात तक घोषित हुए परिणाम में दोनों में से कोई भी पार्टी बहुमत तक नहीं पहुँच सकी और सत्ता की चाभी मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी और निर्दलियों के हाथ रही।
भाजपा ने जहाँ 109 सीटें हासिल की वहीँ कांग्रेस बहुमत के आंकड़े से 2 सीट पीछे 114 पर आ कर रुक गई। ऐसे में मायावती और समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की है। घोषित हुए परिणाम में मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने 2 सीट और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने 1 सीट हासिल की।
कांग्रेस को समर्थन का ऐलान करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि साम्प्रादायिक ताकतों को सत्ता से दूर रखने के लिए बसपा कांग्रेस को समर्थन देगी। उन्होंने कहा “हम भाजपा को सत्ता से दूर करने के लिए लादे थे लेकिन हमें सफलता नहीं मिल पायी। भाजपा बहुमत से दूर होने के बावजूद सरकार बनाने की कोशिश कर रही है। हालाँकि कांग्रेस और बसपा की राजनीति और सिद्धांतों में बहुत अंतर है लेकिन फिर भी भाजपा को सत्ता से दूर रखना हमारी पहली प्राथमिकता है इसलिए हमने कांग्रेस को समर्थन देने का निर्णय लिया है।”
उन्होंने कहा कि अगर राजस्थान में जरूरत पड़ी तो वहां भी बहुजन समाज पार्टी कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए ओना समर्थन देगी। राजस्थान में बसपा ने 6 सीटों पर जीत दर्ज की है।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन न हो पाने से नाराज मायावती ने मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले कांग्रेस से गठबंधन करने से इनकार कर दिया था और अकेले चुनाव में उतर गई थी।
अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने भी मध्य प्रदेश में कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की है। समाजवादी पार्टी ने राज्य में 1 सीट पर कब्जा किया। बसपा और सपा को मिला कर राज्य में कांग्रेस का आंकड़ा 117 सीटों तक पहुँचता है जो सरकार बनाने के लिए आवश्यक 116 के आंकड़े से एक ज्यादा है।