कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस में दरार अब अतीत की बात है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए एकजुट हो कर काम किया है।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के उर्जावान नेता सिंधिया ने कहा कि इस बार विधानसभा चुनावों में बदलाव की एक लहर दिखी। उन्होंने बताया कि “अपने अभियान के दौरान मैं 115 विधानसभा क्षेत्रों में घूमा और उन सभी क्षेत्रों में सत्ता विरोध की एक आंधी चल रही थी और ये आंधी ही इस बार बदलाव का कारण बनी है।” ये बातें उन्होंने पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कही।
चुनाव बाद सामने आये एग्जिट पोल में कुछ चैनलों ने कांग्रेस को मध्य प्रदेश में पूर्ण बहुमत से आने का अनुमान जताया है तो कुछ चैनलों ने नजदीकी मुकाबले में कांग्रेस को फायदा पहुँचने का अनुमान जताया गया है। 15 सालों में ऐसा पहली बार है कि कांग्रेस मध्य प्रदेश में सत्ता हासिल करती दिख रही है। 11 दिसंबर को चुनाव के नतीजे घोषित किये जायेंगे।
ये पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस की जीत के बाद वो मुख्यमंत्री के दावेदारी में सबसे आगे हैं जो सिंधिया ने कहा कि वो ऐसे काल्पनिक सवालों का कोई जवाब नहीं देना चाहते। उन्होंने कहा कि “पूरी कांग्रेस पार्टी ने एकजुट हो कर एक लक्ष्य के साथ भाजपा को परास्त करने के लिये काम किया है। एक बार हमारा लक्ष्य हासिल हो जाए उसके बाद पार्टी नेतृत्व कोई भी निर्णय लेगा।” सिंधिया उन चुनिन्दा नेताओं में से रहे जिन्होंने 2014 में भाजपा की लहर के बावजूद अपने संसदीय सीट गुना से जीत हासिल करने में सफल रहे।
ज्योतिरादित्य सिंधिया और मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ राज्य में अगर कांग्रेस जीतती है तो मुख्यमंत्री पद के दावेदार होंगे।
सिंधिया ने कहा कि “हमने अतीत से बहुत कुछ सीखा है। मध्य प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी अब अतीत की बात है। हर छोटे और बड़े नेता से लेकर एक मामूली कार्यकर्ता तक ने जी जान से एक साथ मेहनत की है पार्टी को जीत दिलाने के लिए और उसी का परिणाम हमें एग्जिट पोल में दिखाई दे रहा है।” 47 वर्षीय नेता ने कहा “हमारी ताकत इस बार हमारे अभियान की एकता में रही है और यह जारी रहेगा।”
उन्होंने कहा “मैं स्वीकार करता हूँ कि पिछले दो विधानसभा चुनावों में हम भाजपा का मुकाबला करने में सक्षम नहीं हो पायें क्योंकि हम एक साथ काम नहीं कर रहे थे, लेकिन यह अतीत की बात है।”
मध्य प्रदेश में 28 नवम्बर को हुए विधानसभा चुनाव में 75 फीसदी वोटिंग दर्ज किया गया। भाजपा जहाँ अपने चौथी पारी के लिए उम्मीद कर रही है वहीँ एग्जिट पोल इस बार राज्य में 15 सालों बाद कांग्रेस के वापसी का अनुमान लगा रहे हैं।