भूटान की नवनिर्वाचित सरकार के गठन के बाद भारत ने पडोसी देश के साथ रिश्तों को बेहतर करने की कवायद शुरू कर दी है। भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि भूटान के साथ दोस्ती का विस्तार करना और सहयोग करना भारत की प्राथमिकताओं की फेराहिश्त में शामिल है जो भूटान के राजशाही सरकार की प्राथमिकताओं पर आधारित है।
विजय गोखले 18-20 नवम्बर तक भूटान की अधिकारिक यात्रा पर गए थे। इस यात्रा के दौरान विदेश सचिव ने राजदूत सोनम त्शोंग और भूटान के विदेश सचिव से मुलाकात की थी। साथ ही विजय गोखले ने नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री लोटाय त्शेरिंग और विदेश मंत्री तांडी दोरजी से भी बातचीत की थी।
भारत और भूटान ने द्विपक्षीय संबंधों से सम्बंधित सभी मसलों पर बातचीत की थी। दोनों राष्ट्रों ने आर्थिक और विकास सहयोग, हाइड्रोपॉवर सहयोग, आवाम से सम्बंधित समझौते और 50 वीं सालगिरह साझा कार्यक्रम में गतिविधियों से सम्बंधित उच्च स्तर की थी।
दोनों राष्ट्रों के अधिकारियों ने क्षेत्रीय मसलों और साझा हितों वाले मामलों पर अपने विचार साझा भी किये थे। भूटान में आम चनावों के बाद भारत के किसी उच्चाधिकारी का यह पहला दौरा था। दोनों राष्ट्रों ने बातचीत के मध्य में चीन के डोकलाम मुद्दे को भी उठाया था।
भूटान में हाल ही में ईसरी बार संसदीय चुनाव हुए थे। साल 2008 में भूटान में संवैधानिक चुनावी प्रक्रिया लागू की गयी थी। भूटान के संविधान के अनुसार संसदीय चुनाव दो स्तरों में संपन्न होते है।
पहले दौर के चुनाव में दो लोकप्रिय दल आगे बढ़ते हैं और सरकार बनाने के लिए दूस चरण में प्रतिसपर्धा करते हैं, जिनकी किस्मत का निर्णय भूटान के मतदाता करते हैं।