भारत और पाकिस्तान में करतारपुर गलियारे के निर्माण कार्य शुरू करने से दोनों देशों के मध्य दशकों से जमी मतभेदों की बर्फ अब गल्लने के आसार दिख रहे हैं।
पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री ने सत्ता में आने के बाद भारत के साथ शांतिपूर्ण रिश्तों पर भाषण देते हुए कहा कि भारत के साथ रिश्तों को साबित करने के लिए पाकिस्तान के सभी दलों के विचार एकसमान है। उन्होंने कहा कि कश्मीर सहित अन्य मसलों को दोनों राष्ट्रों के नेतृत्व मज्बोत्ति और इच्छा शक्ति से सुलझा सकते हैं।
इमरान खान ने करतारपुर गलियारे के आधारशीला समारोह में कहा कि ‘जब भी मैं भारत गया मैंने कहा कि पाकिस्तान में राजनीतिक हस्तियां एक जुट है लेकिन सेना दोनों राष्ट्रों के मध्य संबंधों को अनुमति नहीं देती है’। उन्होंने कहा कि ‘मैं कहता हूँ, आज पाकिस्तान के सभी दल, सरकार और सेना दोनों राष्ट्रों के मज़बूत संबंधों को चाहती है, हम आगे बढ़ना चाहते हैं, हम भारत के साथ एक सभ्य रिश्ता चाहते हैं।
इमरान खान ने कहा कि गलतियाँ दोनों तरफ से हुई है, लेकिन हमें अतीत में नहीं जीना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हम अतीत के साथ अन्हीं नाता नहीं तोड़ेंगे तो हम इसी स्थिति में बुरी तरह फंसे रहेंगे। इस समारोह में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, हरदीप सिंह पूरी और पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू उपस्थित थे। हालांकि किसी भी भारतीय नेता ने इस समारोह में आतंकवाद के खिलाफ एक शब्द नहीं कहा था।
इमरान खान ने कहा कि दोनों देश परमाणु हथियार से लैस हैं, ऐसे देशों के मध्य के बाबत सोचना एक बेवकूफी होगी। उन्होंने कहा कि कोई बेवकूफ ही सोच सकता है कि इस परमाणु जंग में किसी एक की जीत हो सकती है। भारत के विदेश मंत्रालय ने इमरान खान के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि पाकिस्तानी पीएम ने इस पवित्र समारोह को राजनीति का अखाडा बना दिया था।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से की गयी प्रतिबद्धताओं को निभाना चाहिए और अपनी सरजमीं पर आतंकियों के संरक्षण और आर्ह्थिक मदद पर लगाम लगानी चाहिए। इस समारोह में शामिल हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तानी पीएम को यार कहा और कहा कि जब भी करतारपुर का इतिहास लिखा जायेगा, इमरान खान का नाम पहले पन्ने पर शुमार होगा।
हरसिमरत कौर बादल ने करतारपुर गलियारे को शांति गलियारा कहा था। उन्होंने कहा कि बर्लिन की दीवार गिर गयी थी और इतिहास यहाँ भी खुद को दोहराएगा।
पाकिस्तान में करतारपुर गलियारे के निर्माण समारोह की नींव रखी जा चुकी है। इस गलियारे का निर्माण अंतर्राष्ट्रीय गलियारे से गुरुद्वारा दरबार साहिब तक होगा। सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक ने करतारपुर साहिब गुरूद्वारे में अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष व्यतीत किये थे। डेरा बाबा नानक साहिब से इस यात्रा को वीजा मुक्त शुरू किया जायेगा। करतारपुर गलियारे का निर्माण कार्य छह में समाप्त हो जायेगा।
बीते सप्ताह पाकिस्तान ने भारत के बाद करतारपुर गलियारे के निर्माण का निर्णय लिया था। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि पाकिस्तान ने भारत को नानक साहिब के 550 वीं सालगिरह पर करतारपुर बॉर्डर खोलने के अपने निर्णय के बाबत पहले ही इतल्लाह कर दिया था। इस पवित्र अवसर पर पाकिस्तान सिख समुदाय का अपनी सरजमीं पर स्वागत करता है।