पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री परवेज मुशर्रफ ने बुधवार को दावा किया कि “जैश ए मोहम्मद एक आतंकी संगठन है। उन्होंने संकेत दिया कि उनके कार्यकाल में देश के ख़ुफ़िया विभाग ने भारत पर हमले के लिए जैश का इस्तेमाल किया था।पाकिस्तान के पत्रकार नदीम मालिक को को दिए एक टेलीफोनिक इंटरव्यू में उन्होंने जैश ए मोहम्मद के खिलाफ भारत की कार्रवाई का स्वागत किया था।
पत्रकार की फेसबुक और ट्वीटर पर जारी वोडो के मुताबिक परवेज़ मुशर्रफ ने बताया कि “दिसंबर 2003 में उन्हें दो बार उनकी हत्या करने की कोशिश की गयी थी।” मुशर्रफ के कार्यकाल में जैश के खिलाफ कार्रवाई ने करने के बाबत उन्होंने कहा कि “वो समय अलग था। साथ ही मैंने इस पर अधिक जोर नहीं दिया था।”
पुलवामा आतंकी हमला एक आत्मघाती हमलावर द्वारा किया गया था, जिसने विस्फोटक से भरी कार को सीआरपीएफ की बस में टक्कर मार दी थी। काफिले में 70 से अधिक वाहन और 2,500 से अधिक कर्मी थे। हमला तीन साल में सबसे बड़ा हमला है। जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी समूह ने इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है।
परवेज़ मुशर्रफ पर साल 2007 से तत्कालीन सरकार का तख्तापलट करने के लिए देशद्रोह का मुकदमा चल रहा है साथ ही उन्होंने संविधान को बर्खास्त किया था। वह वर्ष 2016 में स्वास्थ्य सम्बन्धी दिक्कतों का हवाला देकर दुबई चले गये थे तब से वापस पाकिस्तान नहीं लौटे।
पूर्व राष्ट्रपति पर साल 2014 में देशद्रोह (पाकिस्तान के संविधान को बर्खास्त करने) और देश पर आपातकाल थोपने का दोषी माना गया। परवेज़ मुशर्रफ़ ने पाकिस्तान पर साल 1999 से 2008 तक हुकूमत चलाई। वे पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और लाल मस्जिद हत्याकांड के केस में संधिग्द भी थे।
इंटरव्यू यहाँ देखें:
https://twitter.com/nadeemmalik/status/1102969913860386817