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    भारत-चीन सैन्य अभ्यास

    भारत और चीन के मध्य डोकलाम विवाद के कारण 73 दिनों तक तनाव की स्थिति बनी रही थी। इकनोमिक टाइम्स के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि एक वर्ष के बाद भारत और चीन के मध्य जॉइंट मिलिट्री ड्रिल का आयोजन किया जायेगा, जो चीन के चेंगडु शहर में आयोजित होगा। इस अभ्यास का मकसद आतंकवाद से लड़ने की काबिलियत और आपसी समझ को बढाना है।

    अधिकारियों के मुताबिक इस ड्रिल का शुरुआत समारोह 11 दिसम्बर को आयोजित होगा। भारत और चीन के 7 वें साझा सैन्य अभ्यास में दोनों तरफ से 100 सैनिक होंगे। इस अभ्यास का पूरा ध्यान आतंक के खिलाफ होगा।

    डोकलाम विवाद

    भारत और चीन के मध्य 73 दिनों तक चले सैन्य विवाद के कारण रिश्ते ख़राब हो गए थे। भारतीय सैनिकों ने सिक्किम सीमा पर साल 2017 में चीनी सैनिकों को सड़क निर्माण करने से रोका था। भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी अनौपचारिक यात्रा पर चीन के वुहान शहर चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपिंग से मुलाकात करने के लिए गए थे। इस मुलाकात  के बाद दोनों देशों की सेनाओं के मध्य टकराव कम हुआ था।

    चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह अभ्यास दोनों सेनाओं के मध्य आपसी समझ को बढायेगा और आतंक के खिलाफ लड़ने में लाभकारी सिद्ध होगा। यह अभ्यास 23 दिसम्बर को खत्म होगा। उन्होंने कहा कि इसमें बुनियादी प्रशिक्षण और लाइव शूटिंग होगी।

    उन्होंने कहा कि अभ्यास का नाम ‘हैंड इन हैंड’ हैं, चीन और भारत के सेना दोनों राष्ट्रों की जनता की भलाई के लिए भी कार्य करेगी। भारत और चीन के आला अधिकारी 21 वें इंडो-चीन बॉर्डर वार्ता के लिए 24 नवम्बर को मिले थे। भारत के तरफ से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अपने देश का प्रतिनिधित्व किया था।

    इससे पूर्व 13 नवम्बर को 9 वीं रक्षा बैठक का आयोजन हुआ था। इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों, सैन्य समझौते, सीमा नियंत्रण, क्षेत्रीय मसले और अंतर्राष्ट्रीय मसलों पर बातचीत की थी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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