भारत और पाकिस्तान के मध्य दो माह बाद ताल्लुकात सुधारते दिख रहे हैं। दो माह पूर्व भारत ने पकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के साथ यूएन की सभा के इतर होने वाली बैठक को रद्द कर दिया था, इस निर्णय से दोनों राष्ट्रों के बीच तल्खियाँ बढ़ गयी थी।
गुरूवार को भारत के मोदी कैबिनेट में करतारपुर साहिब गलियारे को हरी झंडी मिली थी ताकि सिख श्राद्धालु गुरु नानक देव के घर के दर्शन कर सकें। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि गुरु नानक की 550 वीं सालगिरह पर करतारपुर सीमा खोलने के लिए पाकिस्तान अपने निर्णय से भारत को अवगत करा देगा। इस समारोह में इमरान खान भी शरीक होंगे।
पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने ट्वीट कर कहा कि भारत की कैबिनेट में पाकिस्तान का सुझाया प्रस्ताव पारित होना, दोनों राष्ट्रों के मध्य मतभेदों की बर्फ पिघलने के संकेत हैं। उन्होंने कहा कि हम सही शांति मार्ग पर अग्रसर है। चंडीगढ़ में स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और कैप्टेन अमरिंदर सिंह 26 नवम्बर को इस गलियारे की नींव रखेंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि कैबिनेट ने इस मसौदे को नवम्बर 2019 में आयोजित गुरु नानक के 550 वीं सालगिरह के लिए पारित किया गया है। उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान सरकार से आग्रह करते हैं कि सिख समुदाय की भावनाओं को समझे और इस गलियारे का निर्माण शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न होने दें ताकि पूरे साल श्राद्धालु आसानी से गुरु नानक साहिब गुरुद्वारे के दर्शन कर सकें।
गुरुवार को केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की संसद द्वारा पारित करतारपुर गलियारे के मसौदे को पारित करना एक ऐतिहासिक निर्णय हैं। कैबिनेट ने गुरुदासपुर जिले से अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक करतारपुर गलियारे का निर्माण और विकास करने का अदभुत फैसला लिया है।
नई दिल्ली के सूत्रों के मुताबिक भारत 365 दिन और 24 घंटे खुले गालियारे की कामना करता है और सीमा पार से जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोई पाबंदी नहीं चाहिए। शोषण के अलावा सिख श्रद्धालुओं को खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों की चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है, बावजूद इसके वे इस कठिन यात्रा पर जाते हैं। भारत सिख श्रद्धालुओं की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था चाहता है।
हाल ही में पाकिस्तान के दो गुरुद्वारों में भारतीय दूतावास के दो अधिकारियों को प्रवेश करने से रोका गया था। गुरुद्वारा समिति ने कहा कि भारत ने नानक साहिब फ़क़ीर फिल्म को रिलीज को अनुमति देकर सिखों की भावनाओं को आहत किया है।