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    आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल

    भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल काफी सकारात्मक दिख रहे हैं। पटेल के मुताबिक आने वाले वित्तीय वर्ष में भारत की विकास दर बढ़कर 7.4% के पार पहुँच सकती है।

    आपको बता दें इस समय अमेरिका के वाशिंगटन में विश्व बैंक की सालाना बैठक चल रही है, जिसमे विभिन्न देशों के आर्थिक सलाहकार आये हुए हैं।

    भारत की ओर से वित्तीय सलाहकार सुभाष चंद्र गर्ग और आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल नें बैठक में हिस्सा लिया है।

    उर्जित पटेल और सुभाष गर्ग नें यहाँ भारत में लिए गए विभिन्न आर्थिक फैसलों के बारे में चर्चा की।

    उन्होनें जीएसटी, सरकार की मुद्रा योजना और जन धन योजना जैसे कार्यों के बारे में बात की। उन्होनें आगे बैंकों को लेकर लिए गए फैसलों के बारे में भी बताया।

    इस दौरान उर्जित पटेल ने बताया, “भारत की अर्थव्यवस्था साल 2017-18 के दौरान काफी सकारात्मक विकास के साथ आगे बढ़ी है।”

    उन्होनें आगे कहा कि पिछले साल कुछ अहम् फैसलों के कारण जीडीपी विकास कुछ समय के लिए धीमा हो गया था, लेकिन साल के अंत तक जीडीपी नें रफ़्तार पकड़ ली थी।

    आपको बता दें साल 2016 में नोटबंदी का फैसला और अगले साल जीएसटी जैसे फैसलों नें अर्थव्यवस्था को धीमा कर दिया था। इसी के चलते जीडीपी विकास 7 फीसदी के ऊपर से गिरकर 6.6 तक गिर गया था। हालाँकि बाद में जीडीपी विकास वापस ऊपर उठकर 7.2 फीसदी पर पहुँच गया था।

    उर्जित पटेल नें आगे बताया कि देश में निर्माण क्षेत्र, सेल्स, सर्विस सेक्टर, खेती आदि में जबरदस्त विकास देखने को मिला, जिसकी वजह से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली।

    इस संदर्भ में उन्होनें कहा, “आने वाले वित्तीय वर्ष 2018-19 में कई कारणों की वजह से भारत का आर्थिक विकास तेज रहेगा। यह भी साफ़ है कि बाहरी निवेश में विकास भी जारी रहेगा।”

    उन्होनें आगे कहा कि विश्व में डिमांड बढ़ रही है, जिसकी वजह से चीजों के निर्यात में भी आसानी होगी। उन्होनें कहा कि इन कारणों की वजह से बाहरी निवेश में भी वृद्धि देखने को मिलेगी।

    उर्जित के मुताबिक,

    “यदि सब कुछ ठीक रहा तो साल 2018-19 में भारत का जीडीपी 7.4 की दर से विकास करेगा।”

    उर्जित नें आगे कहा कि नवम्बर 2016 के बाद से महंगाई में नियंत्रण देखने को मिला है। यह हमारे टारगेट 4 फीसदी से कम ही रही है।

    उन्होनें कहा कि सब्जियों के दामों में एकदम से तेजी आने कि वजह से महंगाई दर दिसम्बर में 5.2 फीसदी पहुँच गयी थी, लेकिन बाद में उसपर काबू पा लिया गया था।

    उर्जित नें आगे यह भी कहा कि महंगाई पर काबू करने के प्रयास भी किये जा रहे हैं। उन्होनें बताया कि यदि मानसून सही रहता है तो खाद्य पदार्थों की कीमत में नियंत्रण पाया जा सकेगा। उन्होनें यह भी कहा कि इन कीमतों के लिए न्यूनतम कीमत रखी जायेगी, जिससे किसानों को आसानी मिल सके।

    इस बारे में उन्होनें कहा, “कच्चे तेल में वृद्धि की वजह से कई चीजों के दामों में तेजी देखने को मिली है। देश में बैंकों को इन चीज पर ध्यान रखना होगा और चीजों के दामों को नियंत्रण में रखना होगा।”

    पटेल नें आगे बताया कि चूंकि विश्व बाजार में तेजी देखने को मिली है, इसकी वजह से सरकार नें मोनेटरी पालिसी रेट को 6.0 पर ही रखा है।

    उन्होनें आगे बताया कि सरकार राजकोषीय घाटे को कम करने का प्रयास भी कर रही है। उन्होनें कहा कि साल 2013-14 से लेकर अब तक लगातार राजकोषीय घाटे में कमी देखने को मिली है। अब यह घाटा देश के जीडीपी का सिर्फ 3.5 फीसदी ही रह गया है।

    उन्होनें बताया कि आने वाले साल में यह घाटा कम होकर 3.3 फीसदी ही रह जाएगा। उन्होनें बताया कि सरकार नें ऐसी नीति का पालन किया है जिससे साल 2024-25 तक राजकोषीय घाटा जीडीपी के मुकाबले 40 फीसदी कम हो जाएगा।

    पटेल नें जीएसटी के बारे में भी चर्चा की। उन्होनें आगे कि जुलाई 2017 में देश में जीएसटी लागु किया गया था, जिससे देश के टैक्स प्रणाली में काफी सहजता आई है। उन्होनें कहा कि इसकी वजह से देशभर में सामान के परिवहन में काफी आसानी हुई है।

    आगे उन्होनें बताया कि जीएसटी की वजह से ज्यादा लोग टैक्स से जुड़े हैं, जिससे व्यापार करने में आसानी हुई है और सरकार का खजाना भी बढ़ा है।

    विश्व बैंक नें भी की प्रशंसा

    इससे पहले विश्व बैंक नें भी भारत के आर्थिक विकास की प्रशंसा की।

    विश्व बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी नें बताया कि हाल ही में भारत में जो आर्थिक फैसले लिए गए हैं, उनका असर आने वाले समय में देखने को मिलेगा।

    उन्होनें जीएसटी, दिवालिया कानून, बैंकों के पुनर्पूंजीकरण आदि का जिक्र करते हुए कहा कि ये फैसले देश के आर्थिक विकास को मजबूती प्रदान करेंगे।

    विश्व बैंक और मोनेटरी फण्ड नें भारत की अर्थव्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि भारत का विकास दर चीन से भी आगे है।

    उन्होनें बताया कि आने वाले समय में भारत की अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर की हो जायेगी, जो कि विश्व में चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी।

    वर्तमान में भारत की अर्थव्यवस्था 2.26 ट्रिलियन डॉलर की है, जिसपर अनुमान है कि यह साल 2025 तक दोगुनी होकर 5 ट्रिलियन डॉलर की हो जायेगी।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

    2 thoughts on “भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत, 7.4 फीसदी की दर से होगा विकास : आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल”

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