अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को कहा कि भारत वांशिगटन के साथ व्यापार सौदा करना चाहता है। नई दिल्ली नहीं चाहती कि अमेरिका उनके उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगाये।
हाल ही में अमेरिका की व्यापार प्रतिनिधि भारत के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय व्यापार और व्यापार सौदे के बाबत बातचीत करके वापस लौटी है।
डोनाल्ड ट्रम्प भारत पर अमेरिकी उत्पादों पर 100 प्रतिशत शुल्क लगाने की वजह से भड़के थे। उन्होंने कहा कि भारत के साथ हमारे मधुर सम्बन्ध है इसलिए वो हमसे डील करना चाहते हैं। क्योंकि वो नहीं चाहते कि मैं वो करु जो मैं करने चाहता हूँ। भारत किसी अन्य के साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं करना चाहता है।
डोनाल्ड ट्रम्प ने दुनिया के अन्य देशों पर अमेरिका का दशकों तक फायदा उठाने के आरोप को दोहराया।
इस माह के शुरुआत में डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि भारत उनके साथ व्यापार समझौता करने के लिए तत्पर है जबकि ट्रम्प प्रशासन ने सख्त लफ्जों में कहा था कि भारत से शुल्क वसूलों।
उन्होंने कहा था कि भारत मुक्त व्यापार की बात करता है जो अमेरिकी उत्पादों पर 60 फीसदी शुल्क वसूलता है और उसी उत्पाद के लिए अमेरिका भारत से एक पाई भी नहीं लेता। लेकिन अब भारत के उत्पादों पर 25, 20, या 10 फीसदी कर लगाया जायेगा।
डोनाल्ड ट्रम्प ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि भारत क्या समझता है? यह मुक्त व्यापार नहीं है और न ही हमें स्वीकार है। उन्होंने कहा यह लोग कहां से आते है? इनको अंदाजा नहीं है यह कितना मुश्किल होता है। उन्होंने कहा कि भारत का उदाहरण दिया है। उन्होंने कहा मैं कई ऐसे देशों का उदाहरण दे सकता हूँ जिन्होंने हमारी अज्ञानता का फायदा उठाकर ये क्रूर कार्य किया है।
उन्होंने कहा रोजगार सृजन के मुद्दे पर हर कोई लड़ना चाहता है लेकिन अमेरिका के कोष में रखे रूपये के बाबत कोई बात नहीं करना चाहता है। उन्होंने कहा सर्वप्रथम अमेरिका की व्यापार नीति के विरोध करने वालों की अन्य देशों में कंपनियां मौजूद है।
अमेरिका ने भारत सहित अन्य देशों पर व्यापार पर रोक लगाने या शुल्क बढाने का दबाव बनाया है ताकि ईरान पर प्रतिबंध लगाने के लिए अन्य देशों रजामंद कर सके।