भारत की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका के रक्षा सचिव जेम्स मैटिस से मुलाकात कर रक्षा समझौतों को मज़बूत किया है। जेम्स मैटिस ने भारत को विश्व और इंडो पैसिफिक की सबसे स्थिर बल बताया था। अमेरिका के रक्षा सचिव ने निर्माण सीतारमण का इस वर्ष की चौथी मुलाकात के लिए पेंटागन में स्वागत किया था।
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भारत की पहली रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण अभी अमेरिका के पांच दिवसीय दौरे पर हैं। वह डिफेन्स इन्नोवेशन यूनिट और हवाई में इंडो पैसिफिक कमांड मुख्यालय की यात्रा भी करेंगी। निर्मला सीतारमण ने अपनी पहली यात्रा की शुरुआत फोग्ग्य बॉटम मुख्यालय से की थी। निर्मला सीतारमण ने वहां दिवंगत जॉर्ज बुश को श्रद्धांजलि अर्पित की थी।
इसके बाद भारत की रक्षा मंत्री अर्लिंग्टन नेशनल कब्रिस्तान गयी थी जहां उन्होंने एक अनजान सैनिक की कब्र को पुष्प अर्पित किये थे। जेम्स मैटिस ने रक्षा विभाग और सेरविसे सदस्यों की तरफ से कहा कि भारत की तरफ से इस जगह के लिए सम्मान दिखाने के लिए शुक्रिया, हम आपके आभारी है।
उन्होंने कहा कि श्रीमती सीतारमण के सैनिकों को पुष्पांजलि अर्पित करने से यह साबित हो गया कि भारत और अमेरिका के सैन्य सम्बन्ध केवल कथित शब्दों से बयान नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया के दो विशाल लोकतंत्र अंतर्राष्ट्रीय आदेशों पर आधारित सिद्धांत, मूल्य और सम्मान को साझा करते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका की दोस्ती प्राकृतिक हैं, दोनों राष्ट्र दुनिया के सबसे पुराने और विशाल लोकतंत्र देश है। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के रक्षा संबंधों में विस्तार में अर्थपूर्ण तरक्की हो रही है, भारत ने हाल ही में 2+2 वार्ता की मेजबानी की थी।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि दोनों राष्ट्रों के मध्य रक्षा साझेदारी में भरोसा और आत्मविश्वास बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि बीते वर्षों से भारत और अमेरिका के मध्य रक्षा समझौते खासे मज़बूत हुए हैं। उन्होंने भारत के संवेदनशील मुद्दों पर डोनाल्ड ट्रम्प के सकारात्मक जवाब की सराहा था। उन्होंने कहा कि दोनी देशों में सामान लोकतान्त्रिक मूल्य, मज़बूत राजनीति और जनता का समर्थन है। उन्होंने कहा कि दोनों राष्ट्रों के मध्य रक्षा विभाग में भरोसे और विशवास में वृद्धि हो रही है और यह हमारे भविष्य में बेहतरी का कार्य करेगा।