रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोड़ाफोन-आइडिया जैसी दिग्गज टेलीकॉम कंपनियों ने आधार के विकल्प को लेकर अपना प्लान यूआईडीएआई को सौप दिया है।
हालाँकि इसके पहले इन्हीं कंपनियों ने ये दलील देते हुए कहा था कि ग्राहक की पहचान के लिए अब आधार की जगह कोई अन्य जानकारी का इस्तेमाल करने से इन कंपनियों पर न सिर्फ अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा, बल्कि इसके लिए ग्राहकों के पहचान को पुख्ता करने में भी समस्या आएगी।
मालूम हो कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने आधार को लेकर आदेश दिया था कि कुछ एक महत्वपूर्ण सुविधाओं के अतिरिक्त किसी भी तरह के काम के लिए कोई भी कंपनी अपने ग्राहक से आधार संबन्धित जानकारी की मांग नहीं कर सकती है। इसके फौरन बाद ही भारत में आधार का संचालन करने वाली एजेंसी यूआईडीएआई ने इन टेलीकॉम कंपनियों से निश्चित समय के भीतर सुझाव देने को कहा था।
इन ऑपरेटर ने बतया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार यदि अब हम आधार को ग्राहक की पहचान के रूप लेना बंद कर देंगे, तो हमने ई-केवाईसी के सिस्टम को लेकर निवेश किया था, वो सब बेकार चला जाएगा।
अपने प्लान में इन ऑपरेटरों ने यूआईडीएआई को बताया है कि आधार के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में केवाईसी (नो योर कस्टमर) जैसी सुविधाएं भी सुचारू रूप से काम कर रही थी। अब कोर्ट के आदेश के बाद इन ऑपरेटरों को इन सुविधाओं के संचालन के लिए अपने कर्मचारियों को नए सिरे से प्रशिक्षण देना होगा।
इससे संबन्धित जानकारी देते हुए एक बड़ी टेलीकॉम के उच्च अधिकारी ने कहा है कि “हमने इन सभी तथ्यों को स्पष्ट रूप से यूआईडीएआई के सामने रख दिया है, इसके बाद हमारे लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा के माहौल में टिके रहना और भी अधिक चुनौतीपूर्ण होगा।”