पश्चिम बंगाल में भाजपा की प्रस्तावित रथयात्रा को निशाना बनाते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा रथयात्रा का मतलब “लोगों का मारना या दंगे फैलाना नहीं होता।”
सुंदरबन में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा “इस्कॉन यहाँ हर साल रथयात्रा निकालता है, वो जगन्नाथ रथयात्रा होता है, लोगों को मारने के लिए रथयात्रा नहीं होता। रथयात्रा का मतलब लोगों को मारना नहीं होता, नहीं तो ये दंगा यात्रा है।”
बनर्जी की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब अदालत को राज्य में तीन रथयात्राओं की अनुमति देने की भाजपा की याचिका पर फैसला करना है। भाजपा इसे गणतन्त्र बचाओ (लोकतंत्र बचाओ) यात्रा कह रही है, जो राज्य के सभी 42 लोकसभा क्षेत्रों से होते हुए गुजरेगी।
गौरतलब है कि भाजपा ने राज्य में तीन “लोकतंत्र बचाओ” रथयात्रा की योजना बनाई है: एक रथयात्रा राज्य के उत्तरी हिस्से में कूच बिहार से, एक दक्षिणी भाग में काकद्वीप से और एक और बीरभूम जिले के तारापीथ मंदिर से शुरू होगी जो कलकत्ता में आ कर एक साथ मिल जायेगी और फिर वहां भाजपा के बड़े नेता बड़ी रैली को संबोधित करेंगे।
भाजपा की ये रथयात्रा राज्य के सभी 42 लोकसभा सीटों से हो कर गुजरेगी। पार्टी ने इस बार राज्य की 42 में से 22 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है।
पश्चिम बंगाल सरकार ने पहले ही इस यात्रा को मंजूरी देने से मना कर दिया है क्योंकि इससे साम्प्रादायिक हिंसा भड़क सकती है।
इसी बीच दक्षिण 24 परगना की अपनी हालिया यात्रा के दौरान, सुश्री बनर्जी ने राज्य सरकार के विभागों के अधिकारियों को केंद्र के साथ डेटा साझा करना बंद करने का निर्देश दिया। “अब से, हमारे पास अपने पोर्टल्स होने चाहिए। और हम केंद्र के साथ डेटा साझा करना बंद कर देंगे।” उन्होंने कहा कि डाटा साझा करने के नाम पर, केंद्र राज्य को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा था।