पश्चिम बंगाल में भाजपा द्वारा प्रस्तावित ‘लोकतंत्र बचाओ रथ यात्रा’ को कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा मंजूरी मिलने के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने हाई कोर्ट के एकल पीठ के इस फैसले के खिलाफ खंडपीठ में चुनौती दी थी। अब हाईकोर्ट कि डबल बेच ने सिंगल बेंच के फैसले को खारिज कर, इसे फिर से विचार करने के लिए सिंगल बेंच के पास भेज दिया है।
एकल पीठ के फैसले के खिलाफ खंडपीठ में में याचिका दायर करते हुए बंगाल सरकार ने न्यायाधीश देबाशीष कारगुप्ता और शम्पा सरकार से इस मामले में जल्दी सुनवाई का अनुरोध किया था जिसके बाद कोर्ट ने राज्य सरकार के अपील को स्वीकार करते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया कि वो इसकी कॉपी भाजपा को भी उपलब्ध करवाए ताकि सुनवाई शुरू हो सके।
डबल बेंच ने पश्चिम बंगाल सरकार के याचिका पर तत्काल सुनवाई करते हुए सिंगल बेंच के फैसले को खारिज कर दिया जिसमे भाजपा को रथयात्रा निकालने की मंजूरी दी गई थी। डबल बेंच ने इसे फिर से विचार के लिए सिंगल बेंच के पास भेजते हुए कहा कि फैसला लेने से पहले राज्य सरकार की एजेंसियों से मिली ख़ुफ़िया जानकारियों पर भी गौर किया जाना चाहिए।
पश्चिम बंगाल सरकार ने भाजपा को रथयात्रा निकालने की मंजूरी नहीं दी थी जिसके बाद भाजपा ने कोर्ट का रुख किया था। बंगाल सरकार ने राज्य की क़ानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका के चलते भाजपा को रथयात्रा निकलने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
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इससे पहले गुरुवार को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने भाजपा की रथयात्रा को मंजूरी देते हुए कहा कि शांति व्यवस्था बहाल करने की जिम्मेदारी सरकार की है और सिर्फ इस कल्पना पर कि शांति व्यवस्था भंग हो सकती है, रथ यात्रा पर रोक नहीं लगाईं जा सकती।
भाजपा ने राज्य में तीन “लोकतंत्र बचाओ” रथयात्रा की योजना बनाई है: एक रथयात्रा राज्य के उत्तरी हिस्से में कूच बिहार से, एक दक्षिणी भाग में काकद्वीप से और एक और बीरभूम जिले के तारापीथ मंदिर से शुरू होगी जो कलकत्ता में आ कर एक साथ मिल जायेगी और फिर वहां भाजपा के बड़े नेता बड़ी रैली को संबोधित करेंगे।
भाजपा की ये रथयात्रा राज्य के सभी 42 लोकसभा सीटों से हो कर गुजरेगी। पार्टी ने इस बार राज्य की 42 में से 22 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है।
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