उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर हिंसा में मारे गए युवक सुमित के परिवार को मुख्यमंत्री राहत कोष से 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। इस हिंसा में पुलिस इन्स्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की भी जान चली गई थी।
19 वर्षीय सुमित लाखावती में डिग्री कॉलेज में द्वितीय वर्ष का छात्र था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबुक वो पुलिस बनना चाहता था। गोली लगने से घायल होने के तुरंत बाद उसे बुलंदशहर से मेरठ के आनंद हॉस्पिटल में स्थानांतरित किया गया जहाँ इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
मीडिया के अनुसार मेरठ ज़ोन के एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि घटना के बाद दर्ज एफआईआर में सुमित का भी नाम था। लेकिन चूँकि अब उसकी मौत हो चुकी है तो दोषी साबित होने के बाद भी उसपर कोई कारवाई नहीं हो सकती।
एडीजी ने ये भी बताया कि सरकार ने घटना की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया है।
भाजपा विधायक भोला सिंह ने बताया कि प्रशासन ने भरोसा जताया है कि मृतक का नाम एफ़ाइआर से हटा दिया जाएगा। जिला प्रशासन ने भी मृतक के लिए 5 लाख रुपये सहायता राशि की घोषणा की है। विधायक ने बताया कि मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की सिफारिश मुख्यमंत्री से की गई है।
इस हिंसा में भीड़ द्वारा पुलिस इन्स्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की भी हत्या कर दी गई थी। 3 आरोपियों को 14 दिनों की न्यायायिक हिरासत में भेज दिया गया है। सरकार की तरफ से मृतक पुलिस इन्स्पेक्टर की पत्नी को 40 लाख, माता-पिता को 10 लाख और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की है।