बुलंदशहर हिंसा के दो हफ्ते बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने 5 और गिरफ्तारियां करने में सफलता हासिल की। इनमे से तीन को गौहत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है जबकि दो को हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। हालाँकि 3 दिसंबर को हिंसा के दौरान इन्पेक्टर सुबोध कुमार के आत्या का मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस की पहुँच से बाहर है और छुप छुप कर विडियो पोस्ट कर रहा है।
गौहत्या के आरोप में मंगलवार को गिरफ्तार किए गए लोगों के नाम नदीम, रईस और काला है, जिसकी वजह से हिंसा भड़क उठा था। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अतुल श्रीवास्तव ने कहा, “वे गायों को शिकार करने वाले एक गिरोह का हिस्सा थे और उन्हें डबल बैरल वाली बंदूक से गायों को गोली मार दी उसके बाद वे चाकू और तेज हथियारों का उपयोग करके गायों को काटा।
पुलिस ने दावा किया है कि गिरफ्तार आरोपियों के पास से बन्दूक और चाकू मिले है जिसे गाय की हत्या की गई।
महत्वपूर्ण बात यह है कि इनमें से कोई भी नाम योगेश राज द्वारा दायर कि गई शिकायत में नहीं था। योगेश राज बजरंग दल का नेता है जो इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या में मुख्य आरोपी है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि गौहत्या के मामले में शुरू में गिरफ्तार चार अन्य लोगों के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। चार लोगों में से दो – सरफुद्दीन और साजिद के नाम हिंसा की घटनाओं और इंस्पेक्टर की हत्या में मुख्य आरोपी योगेश राज द्वारा एफआईआर में नामित किया गया था। पुलिस का कहना है कि वो इनकी रिहाई के लिए अदालत जायेंगे।
3 दिसंबर को बुलंदशहर के स्याना गाँव के खेतों में गाय के कटे शव बरामद होने के बाद हंसा भड़क उठी थी जिसमे एक पुलिस इन्स्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या कर दी गई थी। मामले में योगेश राज के अलावा भाजपा युवा मोर्चा के नेता शिखर अग्रवाल को भी आरोपी बनाया गया था।
योगेश राज ने एक विडियो पोस्ट कर के खुद के निर्दोष होने की बात कही जबकि योगेश ने एक न्यू चैनल को इंटरव्यू दिया था। पुलिस अब तक दोनों में से किसी तक नहीं पहुँच पाई है।
मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है।