निलंबित भारतीय खिलाड़ी, हार्दिक पांड्या और केएल राहुल ने मंगलवार को बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी के सामने अपना बयान रखा, इसी के साथ इन दोनो खिलाड़ियो के ऊपर की महिलाओं के ऊपर की गई अभद्र टिप्पणी के लिए जांच भी शुरू हो गई है।
यह पता लगा है कि इन दोनो खिलाड़ियो ने बीसीसीआई द्वारा कारण बताओ नोटिस के जारी किए जाने के बाद उसमें बिना शर्त मांफी मांगी थी और अब उन्होने बीसीसीआई के सीईओ से फोन पर बात की है।
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया, सीईओ ने इन दोनो खिलाड़ियो से टेलीफॉन पर बात की है। हालांकि जांचकर्ता के रूप में उनका संक्षिप्त विवरण सरल था। उन्होने उन दोनो से उसी बात का जबाव मांगा जो उन्होने कारण बताओ नोटिस में लिखा था। वह कल तक प्रशासको की समिति (सीओए) को अपनी रिपोर्ट सौंप सकते है।”
हालांकि, यह भी पता लगा है कि सीईओ ने उनसे यह भी नही पूछा कि क्या मनोरंजक शो के एजेंटो ने उनके ऊपर इस शो के लिए दबाव डाला था।
उन्होने आगे कहा, ” कोई भी जांच पड़ताल का प्रश्न लोकपाल के दायरे में आता है। अब अगला चरण केवल तभी होगा जब सुप्रीम कोर्ट एक लोकपाल नियुक्त करेगा या एक तदर्थ लोकपाल नियुक्त किया जाएगा।
इन दोनो खिलाड़ियो ने कॉफी विद करण में कई महिलाओ के साथ संबंध बनाने और इसके बारे में अपने माता-पिता को बताने के बारे में बात की थी। जिसके बाद इनका शो देखने के बाद सोशल मीडिया में इन दोनो को चारो तरफ से आलोचनाए सुनने को मिली।
सीओए के प्रमुख विनोद राय ने दोनो पर दो मैचो के प्रतिबंध की मांग की थी, लेकिन उनके सहयोगी और सीओए सदस्य डायना एडुल्जी ने इस विवाद को बीसीसीआई के कानूनी प्रकोष्ठ में ले लिया, जिसने खिलाड़ियो के इस व्यवहार को आचार संहिता का उल्लंघन बताया और इनके ऊपर फैसला लेने के लिए नया लोकपाल नियुक्त करने को कहा।