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    nitish kumar

    बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने मंगलवार को विपक्षियों के गठबंधन से अलग होने का ज़िम्मेदार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी को ठहराते हुए कहा कि उनके पूर्व डिप्टी और राजद नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के मामलों पर स्टैंड लेने की राहुल की अक्षमता की वजह से उन्होंने ऐसा कदम उठाया।

    मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि वे गाँधी से काफी निराश हैं क्योंकि उन्होंने एक बार भी ऐसा बयां नहीं दिया जिससे वे गठबंधन छोड़ने पर दूसरी बार भी विचार कर सकें।

    कुमार ने 2017 में जदयू, राजद और कांग्रेस का गठबंधन छोड़ दिया था जब यादव के ऊपर सीबीआई ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे और इसके तुरंत बाद उनकी और राजद में कहासुनी हो गयी थी।

    उन्होंने दावा किया-“मैंने हमेशा से ये सोच रखा था कि अपराध, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता पर कोई समझौता नहीं होगा। उनका(राजद) काम करने का तरीका ऐसा था कि मेरे लिए कुछ करना लगातार मुश्किल हो रहा था। हर स्तर पर हस्तक्षेप हो रहा था। उनके लोग अपने खुद के फरमान पर पुलिस स्टेशन में फ़ोन कर देंगे।”

    प्राइवेट न्यूज़ चैनल द्वारा आयोजित किये गए समारोह में कुमार बोल रहे थे। उन्होंने आगे कहा-“यह जदयू था जिसने जोर देकर कहा था कि उसे (कांग्रेस) 40 सीटें दी जाएंगी और वे आखिर में 28 ही जीत पाए। राजद अपने पुराने संबंध के बावजूद, उसे इतनी सीट देने के लिए कभी तैयार नहीं हुआ।”

    अपने इस्तीफा पर उन्होंने कहा कि उनके पास और कोई विकल्प नहीं था। और उनके इस्तीफा देने के तुरंत बाद ही भाजपा की तरफ से समर्थन का प्रस्ताव आ गया और इसलिए उन्होंने बिहार के हित में भाजपा से हाथ मिलाने का फैसला लिया।

    उनके मुताबिक, “हमारे अयोध्या, अनुच्छेद 370 और समान नागरिक संहिता को लेकर मतभेद तो 1990 से हैं। मगर हमने सौहार्दपूर्ण तरीके से काम किया है। अभी भी हमें नरेंद्र मोदी सरकार से पूरा समर्थन मिल रहा है।”

    2009 लोक सभा चुनाव में जदयू-भाजपा के शानदार प्रदर्शन और उसके अगले साल होने वाली विधानसभा चुनाव पर उन्होंने कहा-“अब हमारे पास राम विलास पासवान जैसा महत्वपूर्ण नेता है और हम ज़ाहिर सी बात है कि आने वाले लोक सभा चुनाव में इससे भी बेहतर प्रदर्शन देंगे।”

    विपक्षियों का महागठबंधन जिसमे राजद, कांग्रेस, आरएलएसपी और बाकि छोटी पार्टियां है, उसपे कुमार ने कहा-“यहाँ तक कि शब्द महागठबंधन जो वे सबके सामने दिखाकर बनते हैं, वो मैंने ही दिया था। जदयू के निकलने के बाद, अब वे केवल गठबंधन ही रह गया है।”

    सवर्णों को मिले आरक्षण पर राजद के विरोध पर उनका कहना था-“जब उनकी मदद, एससी, एसटी और ओबीसी के अधिकारों का उल्लंघन किये बिना हो रही तो इसमें कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि आगामी लोक सभा चुनावो में एनडीए को कोई बड़ी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा क्योंकि मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में वे बहुत ही कम अंतर से हारे थे।

    उनके मुताबिक, “लोगों ने अपना गुस्सा राज्यों पर इतने वक़्त से शासन कर रहे नेताओं पर निकाला था। अब ऐसा कुछ नहीं है जिसके कारण मतदाता एनडीए से खफा हो।”

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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