पिछले कुछ दिनों से बिहार की राजनीति गरमाई हुई है। बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष नितीश कुमार आज कल आर या पार के मिज़ाज में नज़र आ रहे है। बता दे कि बीते कुछ समय से बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह के बीच अनबन हो रही थी।
परन्तु अभी हाल फिलहाल में इस अनबन पर पूर्णविराम लगाने का काम नितीश कुमार ने किया। बिहार में गत वर्ष हुए गठबंधन से भाजपा को अब नितीश कुमार को सीटे देनी होंगी। और नितीश कुमार ने साफ़ कह दिया है कि उनकी पार्टी 15 से कम सीटों पर समझोता नहीं करेगी। नितीश कुमार की इस बात ने उनके तेवर साफ़ कर दिए है।
भारतीय जनता पार्टी का बिहार में अन्य दलों दे भी गठबंधन है। रामविलास पासवान एवं उपेंद्र कुशवाहा जैसे बड़े नेता भी इस गठबंधन का हिस्सा है। पिछली बार इन्ही तीनो ने बिहार में मिलकर 32 सीटे जीती थी और नितीश की पार्टी ने केवल 2 सीट। हाल ही में अमित शाह ने बिहार का दौरा किया जहाँ उन्होंने नितीश कुमार के साथ वक्त बिताया एवं आने वाले लोक सभा चुनाव को लेकर चर्चा की।
बात दे की राजनैतिक विशेषज्ञ मानते है कि यह मुलाकात नितीश कुमार से चल रही अनबन सुलझाने के लिए ही थी। नितीश कुमार के घर रात्रि भोज के वक्त नितीश कुमार से बातचीत के बाद वह दिल्ली लौट गए। इसके बाद नितीश कुमार ने कहा कि ‘यह महज़ ओपचारिक मुलाकात थी। 3-4 हफ़्तों बाद भाजपा की तरफ से जवाब आएगा। इसके बाद ही सीटों पर चर्चा होगी।
बता दे की नितीश के इस रवैये से भाजपा में माथापच्ची का माहौल है। नितीश की मांग पूरी करने के लिए उसे अपने खाते से पासवान और कुशवाहा की पार्टियो को सीट देनी होगी। अब देखना यह है कि भाजपा इस मुलाकात के बाद क्या निष्कर्ष निकलती है।