केंद्र और राज्य में भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने शुक्रवार को अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए सरकार पर अध्यादेश लाने का दवाब बढ़ाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद को 17 मिनट में ध्वस्त कर दिया गया था, जबकि भाजपा सत्ता में रहने के बावजूद पिछले चार वर्षों में मंदिर बनाने में नाकाम रही।
शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा, ‘बाबरी मस्जिद को 17 मिनट (1992 में) ध्वस्त कर दिया गया था … जो काम जरूरी था वो काम राम भक्तों ने आधे घंटे में कर दिया था। सरकार को क़ानून बनाने के लिए कितना वक़्त चाहिए?’ संजय राउत का ये बयान पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के अयोध्या यात्रा से एक दिन पहले आया है।
राउत ने सरकार से मांग की कि केंद्र में, राज्य में भाजपा की सरकार है यहाँ तक कि राजयपाल और राष्ट्रपति भी भाजपा के हैं फिर उन्हें क़ानून बनाने और अध्यादेश लाने में ितमना समय क्यों लग रहा है। भाजपा तारीख घोषित करे कि कब बनाएगी राम मंदिर।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे शनिवार को अयोध्या पहुँच रहे हैं। वहां वो संतो को सम्बोधित करेंगे और उसके बाद 25 नामवर को अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करेंगे। पार्टी ने दावा किया है कि उनकी अयोध्या यात्रा का कोई राजनितिक निहितार्थ नहीं है बल्कि ये राम मंदिर के निर्माण की दिशा में एक कदम है।
25 नवम्बर को ही विश्व हिन्दू परिषद् भी अयोध्या में एक रैली कर रही है जिसे संतो और संघ का समर्थन प्राप्त है। इस रैली में 2 लाख राम भक्तों के जुटने की बात कही जा रही है। 6 दिसंबर 1992 के बाद पहली बार अयोध्या में इतनी बड़ी संख्या में रामभक्तों का जमावड़ा हो रहा है।
शिवसेना के साथ साथ संत और अन्य हिंदूवादी संगठन भी चाहते हैं कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले क़ानून बनाकर अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण किया जाए।
अयोध्या में बढ़ी हलचल के मद्देनज़र उत्तर प्रदेश पुलिस ने अयोध्या को किले में तब्दील कर दिया है। शहर में चप्पे चप्पे पर पुलिस का पहरा है।