प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वास्थ्य बीमा योजना-“आयुष्मान भारत“, दुनिया भर में सबसे महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य सेवा पहलों में से एक है। इस योजना से करीबन 50 करोड़ लोग जो भारत की आबादी का 40% है, उन्हें लाभ मिलता है। इस योजना को पीएम मोदी के लिए गेम चेंजर माना जाता है जो इस साल अप्रैल-मई में होने वाले आम चुनावों में दुसरे कार्यकाल की तरफ बढ़ रही है।
पिछले साल सितम्बर में पीएम द्वारा लांच किये जाने के बाद, लाभार्थियों की सरासर संख्या के कारण इसने दुनिया भर में ध्यान आकर्षित किया था। इस योजना के तहत, हर योग्य परिवार को किसी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए 5 लाख रूपये का मुफ्त उपचार दिया जाता है।
जब इस योजना के लांच के 100 दिनों के ही अंदर करीबन 7 लाख लोगों को मुफ्त उपचार मिला तो, इस अहम उपलब्धि के लिए माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने ट्वीट कर इस योजना की सराहना की।
वित्त मंत्री 1 फरवरी को पेश होने वाले अंतरिम बजट के लिए, इस योजना के लिए काफी राशि आवंटित कर सकते हैं। पिछले साल, मोदी सरकार ने स्वास्थ्य मंत्रालय को 54,000 करोड़ रूपये से ज्यादा की राशि आवंटित की थी और इसके तुरंत लागू होने के बाद, इस राशि के बढ़ने की उम्मीद है।
योजना कैसे काम करती है?
“आयुष्मान भारत” कोई नामांकन-आधारित योजना नहीं है और जरूरतमंद परिवारों को इस योजना के लाभ पाने के लिए नामांकन करने की जरुरत नहीं है। इस योजना का एक और महत्वपूर्ण फीचर ये है कि इसके तहत पहले से मौजूद बीमारी को भी कवर किया जाता है और अस्पताल योग्य परिवारों को उपचार देने से मना नहीं कर सकता।
योजना को एंटाइटेलमेंट पर आधारित बनाया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सामाजिक-आर्थिक जाति (SECC) की जनगणना के अनुसार पांच मानदंडों के और शहरी क्षेत्रों के लिए 11 व्यावसायिक मानदंडों के तहत कोई भी व्यक्ति या परिवार लाभ का हकदार होगा।
वंचित और व्यावसायिक मानदंडों के अनुसार सभी पात्र परिवारों को एक समर्पित पीएम-जेएआई पहचान संख्या जारी की जाएगी और प्रवेश के समय एक अलग पंजीकरण कार्ड भी जारी किया जाएगा।
योग्य परिवार इस पंजीकरण कार्ड को भारत सरकार द्वारा संचालित किसी भी सामान्य सेवा केंद्र से 30 रूपये का मामूली शुल्क देकर भी प्राप्त कर सकते हैं।
रोल आउट
यह योजना दो क्षेत्रों पर केंद्रित है-लाभार्थियों के लिए ‘उपयोग में आसानी’ और ‘गुणवत्ता देखभाल’। सरकार ने इस योजना के तहत अस्पतालों में सहायता केंद्र स्थापित करना अनिवार्य कर दिया है।
योजना के तहत पात्र परिवारों को प्रतिदिन लगभग 2.5 से 3 लाख PMJAY ईकार्ड जारी किए जाते हैं, इस दर पर एक वर्ष से अधिक या लक्ष्य के 10% रोलआउट के पहले वर्ष में कवर किया जाएगा।
बुधवार को आयुष्मान भारत (PM-JAY) योजना के डिप्टी सीईओ डॉक्टर दिनेश अरोड़ा ने ट्वीट किया-“PMJAY के लिए रिकॉर्ड स्ट्रीक। आज, हमने 3 लाख से अधिक PMJAY eCards उत्पन्न किए।”
नवम्बर के अंत तक, सरकार ने योजना पर 798.34 करोड़ रूपये खर्च दिए हैं जिसकी सूचना स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने हाल ही में संसद के शीतकालीन सत्र में राज्यसभा को दी।
इस योजना को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा 60:40 के रेश्यो में वित्तपोषित किया जाता है। पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के लिए, योजना के लिए खर्च का 90 प्रतिशत केंद्र वहन करेगा।