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    nirankari bhawan

    अमृतसर के निरंकारी भवन में ग्रेनेड हमले के एक दिन बाद आरोप प्रत्यारोप और राजनीति का दौर शुरू हो गया। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि वो किसी भी संगठन को राज्य की शांति व्यवस्था भंग करने नहीं देंगे वहीँ विपक्ष के नेता सुखबीर सिंह ने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाये।

    सुखबीर बादल ने राज्य के बिगड़ती क़ानून व्यवस्था के लिए कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य की शांति और समृद्धि खतरे में है। कांग्रेस सरकार को ‘आग ने नहीं खेलना चाहिए और राज्य की शांति बनाये रखने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।’

    बादल ने कहा कि ये पहली बार नहीं है जब राज्य की शांति पर इस तरह के हमले किये गए हैं। उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख विपिन रावत ने पहले ही चेतावनी दी थी कि राज्य की शांति व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश हो सकती है फिर भी सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम नहीं किये जा सके।

    आम आदमी पार्टी के नेता एचएस फुल्का ने इस विस्फोट के लिए थल सेनाध्यक्ष विपिन रावत को जिम्मेदार ठहरा दिया। हालाँकि बाद में विवाद बढ़ने पर उन्होंने माफ़ी मांगी और कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया।

    हमले पर हो रही राजनीति के बीच पंजाब पुलिस के चीफ ने कहा है कि ‘हम इस हमले के आंतकी लिंक होने की भी जांच कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि इंटेलिजेंस की रिपोर्ट थी कि जैश-ए-मोहम्मद के 6 आतंकी दिल्ली जाने के लिए पंजाब के रास्ते का इस्तमाल कर सकते हैं।’

    इसके अतरिक्त राज्य की शांति व्यवस्था बिगाड़ने के लिए किये गए इस हमले में खालिस्तानी आतंकियों की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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