अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने गुरुवार को दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डीयूएसयू) के अध्यक्ष अंकिव बैसोया से अपने पद से इस्तीफा देने के लिए कहा और उन्हें कथित नकली मार्कशीट मामले के संबंध में जांच तक संगठन से निलंबित कर दिया है।
एनएसयूआई के सनी चिलार को पराजित करने के बाद इस साल 13 सितंबर को बैसोया छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए थे। हालांकि, चुने जाने के तुरंत बाद एनएसयूआई ने दावा किया कि डीयू के बौद्ध अध्ययन विभाग में उनका प्रवेश वैध नहीं था क्योंकि उन्होंने तिरुवल्लुवार विश्वविद्यालय से स्नातक की नकली मार्कशीट जमा की थी। इसका हवाला देते हुए, एनएसयूआई ने दावा किया कि बैसोया की उम्मीदवारी अमान्य थी।
दिल्ली विश्वविद्ध्यालय ने अभी तक इस मामले में जांच पूरी नहीं की है।
एबीवीपी ने 3:1 से डीयूएसयू चुनाव जीते थे। जीत के साथ ही एनएसयूआई और अन्य छात्र संगठनो ने अंकिव की पिछली डिग्री और इसके वर्तमान प्रवेश की प्रामाणिकता पर सवाल उठाना शुरू कर दिया। सत्ता में आने के बाद से यह प्रचार निरंतरता में है। एबीवीपी के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक मोनिका चौधरी ने कहा, उस समय एबीवीपी ने स्पष्ट कहा था कि दिल्ली विश्वविद्यालय के पास दस्तावेजों को सत्यापित करने के सभी अधिकार हैं और अफवाहों को रोकने के लिए दस्तावेजों की जांच करनी चाहिए।
छात्रों को संघर्ष, भावनाओं और अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए और दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन की वास्तविकता को बनाए रखने के लिए, एबीवीपी ने अंकिव से अपने पद से इस्तीफा देने को कहा और डीयू ने सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने तक संगठन की सभी जिम्मेदारियों से उन्हें हटा दिया।
एबीवीपी राज्य सचिव भारत खटना ने कहा ‘हम डीयू प्रशासन से जल्द से जल्द सत्यापन प्रक्रिया पूरी करने के लिए अनुरोध करते हैं और परिणाम को सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध कराने की अपील करते हैं। हम पूरी प्रक्रिया में डीयू द्वारा किए गए विलंब की भी निंदा करते हैं क्योंकि इससे कई झूठी अफवाहें फैली। यदि अंकिव दोषी पाया जाता है तो उसे उस सभी कानूनी कार्रवाइयों का सामना करना पड़ेगा।’