अगले साल लोकसभा चुनाव के मद्देज़र शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर होंगे जहाँ वो 180 करोड़ रुपये के 15 विकास परियोजनाओं की घोषणा करेंगे। इसके अलावा वो करीब 98.74 करोड़ रुपये के 14 नए परियोजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे।
अपने पिछले वाराणसी दौरे के दौरान प्रधानमंत्री ने 2400 करोड़ रुपये के परियोजनाओं की घोषणा की थी। पिछले 2 महीनों में ये प्रधानमंत्री का अपने निर्वाचन क्षेत्र में दूसरा दौरा है।
वह वाराणसी में राष्ट्रीय बीज अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र (NSRTC) के परिसर में अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (IRRI) और दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र (ISARC) का उद्घाटन करेंगे। यह केंद्र दक्षिण एशिया और सार्क क्षेत्र में चावल अनुसंधान और प्रशिक्षण के लिए एक केंद्र के रूप में काम करेगा।
मोदी वाराणसी में दीनदयाल हस्तकला संकुल (व्यापार सुविधा केंद्र और शिल्प संग्रहालय) में ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ क्षेत्रीय शिखर सम्मेलन में भी शामिल होंगे। प्रधानमंत्री द्वारा महाराजा सुहेलदेव पर एक स्मारक डाक टिकट गाजीपुर में जारी किया जाएगा। गाजीपुर में वह आरटीआई मैदान में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करेंगे।
हालांकि, भाजपा के सहयोगी और सुहेलदेव भारत समाज पार्टी के प्रमुख, ओम प्रकाश राजभर ने पहले आरोप लगाया था कि भाजपा सुहेलदेव के टिकटों को जारी करके राजभर समुदाय को एक ‘लॉलीपॉप’ दे रही है। राजभर पिछले काफी समय से राज्य में बीजेपी पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों में अकेले दम पर उतरने का इशारा किया है। राजभर गाजीपुर जिले के जहूराबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं।
भाजपा की एक अन्य प्रमुख सहयोगी अपना दल ने भी वाराणसी में पीएम मोदी के आयोजन से खुद को दूर कर लिया है। अपना दल ने आरोप लगाया था कि भाजपा राज्य में अपने सहयोगियों को ‘उचित सम्मान’ नहीं दे रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निगरानी में प्रधानमंत्री के स्वागत की व्यवस्था और तैयारियां की जा रही है।
जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने कहा “पीएम की यात्रा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। वाराणसी के अलावा, पीएम मोदी भी गाजीपुर जाने वाले हैं, जहां उनका आईटीआई ग्राउंड में कार्यक्रम है।”
आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।