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    पृथ्वी की गतियाँ earth's movement in hindi

    विषय-सूचि

    पृथ्वी की गतियाँ (Earth’s Movement in Hindi)

    कई सदियों से धीरे धीरे पृथ्वी की गति में बदलाव आता रहा है। हालाँकि यह यह बदलाव इतना कम होता है कि जल्दी समझ में नहीं आता।

    इस प्रकार के बदलाव विभिन्न कारणों की गति के कारण अवतरित होते हैं। ये कारण हैं:

    • पृथ्वी के आंतरिक भागों में रेडियोएक्टिव तत्वों द्वारा उत्पन्न की गई ऊर्जा।
    • टेक्टोजेनेसिस प्रक्रिया के कारण क्रस्ट के प्लेटों में हलचल होना।
    • पृथ्वी के चक्कर काटते समय बहुत सारे बल की उत्पत्ति होना।
    • विभिन्न मौसमों का आना जाना जैसे कि तेज हवा, वर्षण (precipitation), मौसम में दबाव (pressure belt) आदि।

    भू-संतुलन (Isostacy)- इस सिद्धांत के अनुसार घनत्व में परिवर्तन होने के कारण पृथ्वी के क्रस्ट का ब्लॉक अलग अलग सतहों पर उठने लग  जाते हैं, जो फिर पहाड़, पठार, मैदान, सागर आदि के रूप ले लेते हैं।

    टेक्टोनिक – यह प्रक्रिया पृथ्वी के क्रस्ट एवं उन में हो रहे बहुत बड़े बदलावों से सम्बंधित हैं।

    भूआकृतिक प्रक्रियाएं (Geomorphic Processes)

    यह प्रक्रिया पृथ्वी के सतह पर होने वाले भूभागों में और पृथ्वी के विशेषताओं में होने वाले परिवर्तन से सम्बंधित है। अंतर्जनित एवं बहिर्जनिक बलों के कारण पृथ्वी के सतह पर होने वाले बदलावों को भूआकृतिक प्रक्रियाओं के नाम से जाना जाता है।

    Diastrophism (पृथ्वी के क्रस्ट से सम्बंधित बदलाव) एवं ज्वालामुखी से सम्बंधित घटनाएं इसके उदाहरण हैं।

    मौसम में बदलाव, मृदा अपरदन, तलछट (sediment deposition) आदि बहिर्जनिक भूआकृतिक प्रक्रिआओं के उदाहरण हैं।

    बहता हुआ पानी, गतिमान बर्फ के बड़े टुकड़े, हवा, समुद्री लहर, पानी के प्रवाह आदि जो मिट्टी, पत्थर आदि एक जगह से दूसरी जगह लेकर जाते हैं एवं जमा कर देते हैं – यह सब भूआकृतिक एजेंट हैं।

    अंतर्जनित गति (Earth’s Endogenetic Movements in hindi)

    पदार्थ और तापमान में होने वाले परस्पर क्रिया के कारण पृथ्वी के क्रस्ट भाग में अंतर्जनित गति या बल उत्पन्न होती है। यह दो प्रकार की गति होती है – Diastrophism और अचानक हुए बदलाव।

    पृथ्वी के अंदर से जनित प्रक्रियाओं से उत्पन्न ऊर्जाओं के कारण आंतरिक भूआकृतिक प्रक्रियाएं उत्पन्न होती हैं।

    यह ऊर्जा पृथ्वी के उद्गम से रेडिओएक्टिविटी, घूर्णन विषयक, ज्वारीय घर्षण, आद्य (premordal) उष्णता के कारण उत्पन्न होती है। भूतापीय ढाल एवं उष्णता की प्रवाह Diastrophism एवं सक्रीय ज्वालामुखी प्रक्रियाओं को जन्म देती हैं।

    Diastrophism

    पृथ्वी के सतह में धीरे – धीरे झुकाव, मोड़ आने के कारण, परत में हुई हलचल, खिंचाव आदि के कारण Diastrophism प्रक्रिया होती है।

    सभी प्रकार की प्रक्रियाएं जो पृथ्वी के आंतरिक भाग में गति पैदा करती है, हलचल के कारण प्लेटें ऊपर नीचे हो जाती है या किसी नयी संरचना का निर्माण होता है, वह Diastrophism प्रक्रिया के तहत आते हैं। यह इस प्रकार हैं:

    • Orogenic प्रक्रियाएं – पृथ्वी के क्रस्ट में प्लेटों के मुड़ाव के कारण जो प्रभाव पड़ता जिससे पहाड़ों का निर्माण होता है, वह इस प्रक्रिया के अंतर्गत आता है।
    • भूकंप के कारण प्लेटों में होने वाले छोटे मोठे अंतर।
    • प्लेट टेक्टोनिक – प्लेटों के ऊपर नीचे होने से अवतरित बदलाव।

    Orogeny प्रक्रिया में पृथ्वी के आंतरिक प्लेटों में बहुत ज्यादा मुड़ाव आ जाते हैं। इस प्रक्रिया में पहाड़ों का पूरी तरह से निर्माण होता है।

    Epiorgenic प्रक्रियाओं के कारण महाद्वीपों का निर्माण होता है। इन सभी प्रक्रियाओं के कारण वातावरण में दबाव, आयतन एवं तापमान में बहुत बदलाव आता है।

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