पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा कि हालिया मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी को देखते हुए उन्हें लगता है कि उनके (मनमोहन सिंह) कार्यकाल के दौरान मूक प्रधानमंत्री बोल कर उनके (मनमोहन सिंह) साथ ज्यादती की गई।
उन्होंने कहा “लोग कहते थे मैं मूक प्रधानमंत्री था, लेकिन मैं वो प्रधानमंत्री नहीं था जो मीडिया से दूर भागता था। मैं अक्सर प्रेस कांफ्रेंस करते रहता था और हर विदेश यात्रा के बाद मैं मीडिया से बात करता था।”
मनमोहन सिंह अपनी पुस्तक ‘चेंजिंग इण्डिया’ के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से अब तक एक भी प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित नहीं किया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी अक्सर एक भी प्रेस कांफ्रेंस ना करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते रहते हैं। हाल ही में राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री को चुनौती देते हुए कहा था “किसी दिन कोशिश कीजिये, आपसे सवाल पूछने में मजा आएगा।”
पांच भागो वाली किताब ‘चेंजिंग इण्डिया’ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अर्थशास्त्री के रूप में जीवन और 10 वर्षों के यूपीए के शासन काल के बारे में है।
मनमोहन सिंह मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सरकारों द्वारा किसानों के ऋण माफ़ी के सवाल पर गोलमाल सा जवाब दिया। उन्होंने कहा ‘मुख्यमंत्रियों में ये घोषणा इसलिए की क्योंकि हमें अपना वादा पूरा करना था, जो हमने चुनाव पूर्व अपने घोषणापत्र में किया था।” उन्होंने ये भी कहा कि अभी तक उन्होंने किसानों के ऋण माफ़ करने के प्रभाव पर कोई अध्ययन नहीं किया है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में रखे मौद्रिक भंडार को अपने नियंत्रण में रखने के सरकार की कोशिशों की आशंका के सवाल का भी जवाब मनमोहन सिंह टालते नज़र आये। उन्होंने ने बस इतना कहा कि “उम्मीद करता हूँ दोनों (सरकार और रिजर्व बैंक) एक दुसरे का हाथ थाम कर सामंजस्य बैठाएंगे।