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    नेपाल में प्रदर्शन

    नेपाल की राजधानी काठमांडू में स्थित पाकिस्तान दूतावास के बाहर सिविल सोसाइटी के लोगों ने पुलवामा आतंकी हमले का विरोध जताते हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया था। इस आतंकी हमले की निंदा करते हुए सिविल सोसाइटी के सदस्यों ने बैनर और पैम्पलेट लहराये थे।

    शांतिपूर्ण प्रदर्शन

    एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि “हमने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया क्योंकि इसमें शब्दों से अधिक ताकत होती है। यह महात्मा गाँधी की प्रेरणा है और चुप्पी ही एकमात्र है जो हर जगह अपना परचम लहराता है।”

    पुलवामा में हुए आतंकी हमले की विश्वभर में निंदा की गयी थी। कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 से अधिक जवान शहीद हो गए थे। जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान की सरजमीं पर आसरा लिए जैश ए मोहम्मद ने ली थी।

    भारत के जम्मू कश्मीर राज्य के पुलवामा जिले में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमलों पर नेपाल में सैकड़ों लोगों ने शनिवार को प्रदर्शन किया था। यह प्रदर्शन नेपाल के परसा, माजोत्तरी, रुपन्देही और अन्य जिलों में हुए थे। यह प्रदर्शन भारत सरकार के साथ एकजुटता और जघन्य अपराध के विद्रोह में हुआ था।

    एक दिन की तनख्वाह शहीदों के परिवार के लिए

    नेपाल में भारतीय अभियान में कार्यरत कर्मचारियों ने पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सैनिकों के लिए एक दिन की तनख्वाह का दिया है। काठमांडू में भारतीय दूतावास के एक कर्मचारी ने बताया कि “हमने शहीदों के परिवारों के लिए अपनी एक दिन की तनख्वाह का योगदान देंगे, जो अपनी बखूबी नौकरी के लिए निशाना बनाये गए थे। भारतीय दूतावास में तक़रीबन 100 से अधिक लोग कार्यरत है।”

    रिपोर्टों के अनुसार, हमला एक आत्मघाती हमलावर द्वारा किया गया था, जिसने विस्फोटक से भरी कार को सीआरपीएफ की बस में टक्कर मार दी थी। काफिले में 70 से अधिक वाहन और 2,500 से अधिक कर्मी थे। हमला तीन साल में सबसे बड़ा हमला है। जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी समूह ने इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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