अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तानी समर्थित आतंकी हमले के बाबत कहा कि यह आतंकवाद के खिलाफ भारत और अमेरिका के प्रयासों को मज़बूती प्रदान करेगा, दोनों राष्ट्रों को आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए सहयोग को मज़बूत बनाएगा। यह कश्मीर का सबसे भयावह आतंकी हमला है।
आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई
इस आतंकी हमले की निंदा करते हुए राज्य सचिव माइक पोम्पिओ ने कहा कि “सभी प्रकार के आतंकवाद के खात्मे के लिए अमेरिका भारत सरकार के साथ मिलकर कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है।” व्हाइट हाउस के उप प्रेस सचिव ने बयान में जारी कर कहा कि “पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूह जैश ए मोहम्मद ने इस बर्बर हमले की की जिम्मेदारी ली है।”
उन्होंने कहा कि “यूएन सुरक्षा परिषद् के सभी सदस्यों को जिम्मेदारी का निर्वाह करते हुए, आतंकियों को सुरक्षित स्थान और समर्थन करने वाले देश के खिलाफ प्रस्ताव लाया जाना चाहिए। रिपोर्टों के अनुसार, हमला एक आत्मघाती हमलावर द्वारा किया गया था, जिसने विस्फोटक से भरी कार को सीआरपीएफ की बस में टक्कर मार दी थी। काफिले में 70 से अधिक वाहन और 2,500 से अधिक कर्मी थे। हमला तीन साल में सबसे बड़ा हमला है।
रिपोर्ट के मुताबिक आतंकी हमलावर की कार में लगभग 350 किलोग्राम विस्फोटक पदार्थ था, जिसने सीआरपीएफ के काफिले की बस में टक्कर मारी थी। इस हमले में बस को निशाना बनाया गया था लेकिन यह धमाका इतना खतरनाक था कि इससे कई और वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए।
आतंकियों को समर्थन देना बंद करे पाक
अमेरिका ने गुरूवार को कहा कि “पाकिस्तान को अपनी सरजमीं पर पनप रहे आतंकी समूहों को समर्थन देना तत्काल बंद कर देना चाहिए।” पाकिस्तान को इस हमले का जिम्मेदार ठहराते हुए व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सांडर्स ने कहा कि ” पाकिस्तान समर्थित जैश ए मोहम्मद आतंकी द्वारा इस घृणित अपराध की अमेरिका कड़े लहजे में निंदा करता है।”
सारा सांडर्स ने कहा कि “पाकिस्तान को अमेरिका चेतावनी देता है कि अपनी सरजमीं से संचालित आतंकी समूहों को समर्थन और सुरक्षित पनाह देना बंद करें, जिनका मकसद क्षेत्र में अराजकता, हिंसा और आतंक फैलाना होता है। यह हमला भारत और अमेरिका की आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को अधिक मज़बूत कर देगा। आतंकवाद का सफाया करने में अमेरिका हमेशा भारत के साथ है।”