कैबिनेट मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को उनके पुलवामा हमले को लेकर दिए बयान के कारण घेरे में लिया है। स्मृति ईरानी ने कहा कि,”सिद्धू आधुनिक भारत के जयचंद है। तभी तो वे पाकिस्तान के बचाव में आगे आए हैं।”
उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को जनता सबक सिखाएगी।
जयचंद ने साल 1192 में पृथ्वीराज चौहान को मुहम्मद गौरी के खिलाफ युद्ध में धोखा दिया था।
हालांकि स्मृति ईरानी ने सिद्धू का नाम लिए बगैर उनपर तंज किया। कहा,”जो लोग पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के दोस्त हैं और उनके समर्थन में बयान दे रहे हैं कह रहे हैं कि पाकिस्तान पुलवामा हमले में दोषी नहीं हैं वे लोग ‘आधुनिक भारत के जयचंद’ हैं।”
सिद्धू ने पुलवामा हमले में 40 जवानों के शहीद होने पर बयान दिया था। उन्हें पिछले साल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित किया था और वे गए भी थे। पुलवामा हमले की निंदा करते हुए हालांकि उन्होंने कहा था कि, “मुट्ठी भर लोगों के लिए, आप पूरे देश को दोषी नहीं करार कर सकते हैं।”
सवाल पर कि क्या आने वाले दिनों में भारत और पाकिस्तान को साथ क्रिकेट मैच खेलना चाहिए इसपर स्मृति ने कहा, “एक भारतीय होने के नाते मुझे लगता है कि बीमार इरादों वाले प्रत्येक पाकिस्तानी को सबक सिखाया जाना चाहिए। ऐसे समय में जब हमारा देश शहीद परिवारों के लिए न्याय चाहता है, उस समय इस सवाल की कोई प्रासंगिकता नहीं है।”
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह उनका निजी विचार है। इस संबंध में अंतिम निर्णय खेल मंत्रालय का होगा।
स्मृति ईरानी ने पुलवामा हमले में “कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी” मांगने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि,”सबूत मांगने से पहले उन्हें जवाब देना चाहिए कि पाकिस्तान ने 26/11 के मुंबई हमले के सबूत हाफिज सईद द्वारा हासिल किए जाने के बाद पाकिस्तान सरकार ने क्या किया। क्या पाकिस्तान ने उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की?”
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को कहा कि वे पुलवामा हमले के शामिल अपराधियों के खिलाफ तभी कार्रवाई करेंगे जब भारत इस्लामाबाद के साथ “कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी” साझा करेगा।
स्मृति ईरानी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवादियों के खिलाफ सख्ती से निपटने के लिए भारतीय सेना को पूरी स्वतंत्रता दे दी है। साथ ही “हमें अपने जवानों पर पूरा भरोसा है कि वे उचित समय पर बदला लेंगे।”
स्मृति बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र में पार्टी के घोषणापत्र के कार्यक्रम “भारत के मन की बात” में सुझाव लेने के लिए आई थी। जहां उन्होंने जनता से बातचीत करके उनके विचारों, समस्याओं व सुझावों को सुना और उन्हें घोषणापत्र में शामिल करने की बात की।