सूत्रों के मुताबिक भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मालदीव की नयी सरकार के गठन के बाद माले का दौरा करेंगे। मालदीव की विपक्षी पार्टी के नेता इब्राहीम सोलिह नवम्बर में राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे।
सूत्रों के अनुसार मालदीव का विपक्षी गठबंधन नेता इब्राहीम सोलिह के राष्ट्रपति पद के शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी को आमंत्रण दे सकते है। अलबत्ता संभव है कि नरेन्द्र मोदी सरकार के कार्यभार संभालने के कुछ हफ्ते बाद माले का दौरा करे।
प्रधानमंत्री बनने के बाद मालदीव एकमात्र ऐसा देश है जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यात्रा नहीं की है। मालदीव में भारत समर्थक सरकार की ताजपोशी के लिए मंच तैयार है। सरकार को उम्मीद है कि भारतीय प्रधानमंत्री के माले के दौरे से भारत के साथ इब्राहीम सोलिह और अन्य नेताओं के साथ रिश्तों की गांठ मजबूत होगी जो राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन और उसकी नीतियों का पुरजोर विरोध करते है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अब्दुल्ला यामीन सत्ता पर काबिज रहने के लिए नए हथकंडे आजमा रहे हैं। राष्ट्रपति चुनाव में शिकस्त खाने के बावजूद हार कबूलने को तैयार नहीं है। गठबंधन के प्रवक्ता अहमद मेह्लूफ़ ने बयान दिया कि अब्दुल्ला यामीन मालदीव के चुनाव आयुक्त से मतदान में हेराफेरी के शिकायत करने की फ़िराक में है ताकि चुनाव आयोग पर दबाव बनाकर नतीजों के ऐलान में बाधा डाल सके।
प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रपति यामीन पुलिस अधिकारियों को सत्ता के प्रति ईमानदार दिखाने का हवाला देकर चुनाव में धांधली की रिपोर्ट तैयार करवाएगा।
भारतीय अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि अब्दुल्ला यामीन सत्ता को जनता द्वारा चुने हुए दल को सौंप दे। उन्होंने कहा भारत मालदीव पर नजर गढ़ाए हुए है।
बीते रविवार को मालदीव में चुनाव संपन्न हुए थे। स्थानीय मीडिया के मुताबिक इन चुनावों में विपक्षी खेमे के उम्मीदवार इब्राहिम सोलिह की जीत हुई थी।
अब्दुला यामीन चीन समर्थक राष्ट्रपति है। मालदीव के राष्ट्रपति ने सत्ता के अभिमान में चूर होकर माले की शीर्ष अदालत के फैसले को मानने से इंकार कर दिया। साथ ही विपक्षी नेताओं को कैद में भेजने या देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया।
अब्दुल्ला यामीन ने मालदीव में 45 दिनों का आपातकाल भी लगाया था जिसका भारत ने विरोध किया था।अब्दुल्ला यामीन को राष्ट्रपति पद का कार्यभार नवम्बर में समाप्त होगा।