मनी लॉन्डरिंग रोकथाम अधिनियम के तहत गठित एक न्यायधिकरण (ट्रिब्यूनल) को नीरव मोदी की 523.72 करोड़ की संपत्ति की नीलामी के आदेश दे दिये गए हैं।
ट्रिब्यूनल ने इसमें स्पष्ट रूप से नीरव मोदी, उसकी पत्नी एमी मोदी, उसके भाई निशाल मोदी व उसके मामा मेहुल चौकसी का नाम जोड़ा है।
इसके अनुसार नीरव मोदी अब भरोसे के लायक नहीं है और संभव है कि आने वाले समय में वो अपनी संपत्तियों कि स्थिति में बदलाव करने कि कोशिश करे।
नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी का नाम तब सामने आया था, जब जनवरी 2018 में पीएनबी के खाते में बड़ी गड़बड़ सामने आई थी, लेकिन सरकार की कार्यवाही के पहले ही ये दोनों देश छोड़ कर भाग गए।
भारत की तमाम एजेंसी इन दोनों को वापस भारत लाने के सतत प्रयत्न कर रहीं है। न्यायाधिकरण के अनुसार बैंकों का पैसा एकदम स्वच्छ पैसा है, यह बैंकों के पास जरूर वापस आना चाहिए।
पीएनबी के साथ हुए घोटाले के दोनों मुख्य आरोपी अभी भी देश से बाहर हैं। एक ओर नीरव मोदी जहाँ यूके में शरण लिए हुए है, वहीं दूसरी तरफ उसके मामा मेहुल चौकसी ने एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली है।
ट्रिब्यूनल ने अनुसार पीएनबी इस पूरे घटनाक्रम की शिकार है। देश के लिए ये जरूरी है कि देश का पैसा वापस लाया जाये, अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो पीएनबी के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को भी इस कष्ट से गुजरना होगा।
इसी के साथ ट्रिब्यूनल ने नीरव मोदी व इस स्कैम में उसके साथ शामिल उसके अन्य सहयोगियों की कुल 21 अचल सम्पत्तियों की एक लिस्ट बना ली है, जिसकी कीमत 523 करोड़ रुपये आंकी गयी है।
ट्रिब्यूनल के अनुसार इसके बाद नीरव मोदी की सम्पत्तियों की अगली लिस्ट 10 दिसंबर 2018 को घोषित की जाएगी।