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    गुजरात विधानसभा चुनाव

    गुजरात चुनाव से पहले पाटीदारों की सहमती के लिए कांग्रेस ने अपना नया फॉर्मूला रखा है। गुजरात में हुई बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने बातचीत के बाद पाटीदारों के समक्ष संविधान के अनुच्छेद 31 और 38(2) के तहत नए कोटे का प्रस्ताव रखा है। लेकिन जो प्रस्ताव कांग्रेस ने रखा है, वह आरक्षित वर्ग के तहत 49% कोटे के अंतर्गत नहीं होगा।

    अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया, हमारे सविंधान के अनुछेद 31 में ऐसे प्रावधान दिए गए है, जिसके अनुसार राज्य सरकार अपने राज्य में संवैधानिक जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए किसी प्रकार का फेर बदल कर सकती है। संवैधानिक प्रस्ताव के जरिए कानून में जो फेर बदल होंगे, उसमे कोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।

    सूत्रों के हवाले से आई खबर में कहा गया है कि हमने पूरी तरह यह साफ कर दिया है कि हम एससी, एसटी और ओबीसी के वर्ग में निर्धारित किये गए 49% कोटे में कोई छेड़छाड़ नहीं करेंगे। बल्कि एक नया कानून लाकर 20% का आरक्षण निर्धारित कर सकते है।

    सूत्रों ने कहा कि यह आरक्षण जातिगत आधारित नहीं होगा बल्कि आवश्कयता के आधार पर दिया जायेगा। इसके तहत पाटीदारों को भी ओबीसी वर्ग जैसा लाभ मिलेगा।

    वहीं इस बारे में गुजरात कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने कहा कि कपिल सिब्बल जी पाटीदारों के आरक्षण सम्बंधित कई तरह विकल्प सुझाए है। जिसके तहत पाटीदारों और दूसरे समुदाय के लोगो को इसका लाभ दिया जा सकता है।

    वहीं कांग्रेस के एक अन्य सूत्र बताते है कि पाटीदार आंदोलन समिति ने हमारे इस प्रस्ताव पर संतुष्टि जाहिर की है। लेकिन उन्होंने कहा कि हम पहले हार्दिक पटेल की सहमति पाटीदार आंदोलन के नेताओ की रजामंदी और क़ानूनी सलाह लेने के बाद ही कोई फैसला करेंगे।