पाकिस्तान के आतंकी हाफिज सईद के आतंकी समूह जमात- उद- दावा और फलाह- इ- इंसानियत से प्रतिबन्ध हटाने पर अमेरिका ने इस्लामाबाद को फटकार लगायी है।
अमेरिका ने कहा कि पाकिस्तान के आंतकी समूह जमात- उद- दावा और फलाह- इ- इंसानियत समूहों से प्रतिबन्ध हटाना पाकिस्तान का एफएटीएफ के किये गए वादे के खिलाफ है। साथ ही यह निर्णय पाकिस्तान का संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की प्रतिबद्धता को धराशाही करता है।
अमेरिका के राज्य प्रवक्ता ने बताया कि पाकिस्तान के आतंकी समूहों से प्रतिबन्ध हटाने का फैसला फाइनेंसियल एक्शन टास्क फाॅर्स से किये गए वादे के खिलाफ है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हफीज सईद के आतंकी संगठनों से प्रतिबन्ध हटा लिया है।
अमेरिका के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान के यह फैसला उसे संयुक्त राष्ट्र में आतंक के खिलाफ लड़ने की प्रतिबद्धता में रूकावट पैदा करेगा। अमेरिका चाहता है कि पाकिस्तान यूएन की सुरक्षा परिषद् के 1267 मसौदे के तहत किये गए वायदे को पूरा कर यूएन की फेरहिस्त में शामिल आतंकियों का खात्मा करे।
पाकिस्तान को जल्द ही जमात- उद- दावा और फलाह- इ- इंसानियत जैसे संगठनों पर नकेल कसने के लिए अधिकारिक मसौदा तैयार करना चाहिए।
पाकिस्तान में हाफिज सईद आतंकी समूह लश्कर- ए-तैयबा का उप संस्थापक है और साल 2008 में हुए मुंबई हमले का मास्टरमाइंड है। मुंबई हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी समूह लश्कर- ए-तैयबा ने ली थी। इस आतंकी हमले में 166 बेकसूर लोग मारे गए थे। पाकिस्तान ने अभी तक इस हमले में न्याय नहीं सुनाया है।
हाल ही पाकिस्तान की अदालत में आतंकी हफीज सईद ने कहा था कि उसने आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा से नाता तोड़ लिया है लेकिन भारत जबरन उसके ताल्लुक आतंकी समूहों से जोड़ता है।