चीन ने नकदी के संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने के लिए 2.2 अरब डॉलर का निवेश किया है।
डॉन के मुताबिक चीन की मदद के साथ ही पाकिस्तान ने मित्र देशो से चालु वित्त वर्ष में कुल 9.1 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता हासिल कर ली है।
पाकिस्तान को चीन से 4.1 अरब डॉलर, सऊदी अरब से 3 अरब डॉलर और यूएई से 2 अरब डॉलर की सहायता राशि मिली है। सेंट्रल बैंक ने ट्वीट कर कहा कि “स्टेट बैंक ऑफ़ पाकिस्तान को 2.2 अरब डॉलर की सहायता राशि मिली है। जो पाकिस्तानी सरकार ने चीन से कर्ज लिया था।”
State Bank of Pakistan has received RMB 15 billion value today equivalent to $2.2 billion as proceeds of the loan obtained by Government of Pakistan from China.
— SBP (@StateBank_Pak) March 25, 2019
वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता खाकान हस्सान नजीब ने कहा कि “पाकिस्तान का बैंक में 2.2 अरब डॉलर की राशि जमा की जा चुकी है। यह देश की स्थिरता को मज़बूती प्रदान करेगी।”
सेंट्रल बैंक की साप्ताहिक रिपोर्ट के अनुसार “15 मार्च 2019 तक स्टेट बैंक ऑफ़ पाकिस्तान पर 8.84 अरब डॉलर का भंडार था। बीजिंग से मिली रकम एसबीपी के भण्डार में दोगुना इजाफा करेगी।” निर्यात के मुकाबले में आयत अधिक करना और कर्ज को चुकता करना भण्डार को स्थिर रहने की अनुमति नहीं देता है। इस रकम का इस्तेमाल कर सरकार अंतर्राष्ट्रीय रकम अदा कर सकती है।
वित्तीय सहायता के आलावा रियाद नें पेट्रोलियम आयल सप्लाई में पाकिस्तान को 3 अरब डॉलर की रियायत दी है। वित्त मंत्री असद उमर ने साल 2019 में करीब 12 अरब डॉलर के वित्तीय अन्तर का अंदाजा लगाया था। वही साल 2020 के लिए यह 7-8 अरब डॉलर था।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से धनराशि के लिए भी पाकिस्तान बातचीत कर रहा है, लेकिन बातचीत का स्तर असमंजस में है। यूएई ने पाकिस्तान के लिए दिसंबर 2018 में 6 अरब डॉलर के रहत पैकेज का ऐलान किया था। आरिफ हबीब लिमिटेड हेड ऑफ़ रिसर्च के समीउल्लाह ने बताया कि “यह रकम काफी महत्वपूर्ण समय पर आयी है जब इस्लामाबाद को आगामी माह एक बड़े विदेशी कर्ज की अदाएगी करनी है।”