पाकिस्तान ने करतारपुर साहिब के शिलान्यास समारोह में कहा था कि अगर जर्मनी और फ्रांस इतने युद्धों के बावजूद साथ आ सकते हैं तो भारत और पाकिस्तान क्यों नहीं। भारतीय सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने इमरान खान के इस बयान पर कहा कि पाकिस्तान को अगर भारत का साथ चाहिए तो उन्हें पहले एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में तब्दील होना होगा।
पुणे में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी की 135 वीं परेड के आयोजन से इतर मीडिया से मुखातिब होकर सेनाध्यक्ष ने भारत और पाकिस्तान के साथ आने के विचार पर कहा कि पाकिस्तान को पहले अपने आंतरिक हालातों को देखना होगा। उन्होंने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है और कैसे हम साथ आ सकते हैं, जब पाकिस्तान खुद को एक इस्लामिक देश कहता है।
भारत के एक कदम उठाने पर पाकिस्तान दो कदम बढ़ाएगा के पाकिस्तानी पीएम के बयान पर जनरल बिपिन रावत ने कहा कि भारत कई बार पहला कदम उठा चुका है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को कम से कम एक कदम अपनी तरफ से भी उठाकर दिखाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकवाद पाकिस्तान में पैर पसार रहा है तो आप कम से कम आतंकवाद के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई करके तो दिखाओ।
सैन्य बल में महिलाओं की बढती भूमिका पर बिपिन रावत ने कहा कि सूचना की जंग, मनोवैज्ञानिक जंग और सैन्य कूटनीति में दुभाषिये जैसे क्षेत्रों में महिलायें आगामी दिनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री ने सत्ता में आने के बाद भारत के साथ शांतिपूर्ण रिश्तों पर भाषण देते हुए कहा कि भारत के साथ रिश्तों को साबित करने के लिए पाकिस्तान के सभी दलों के विचार एकसमान है। उन्होंने कहा कि कश्मीर सहित अन्य मसलों को दोनों राष्ट्रों के नेतृत्व मज्बोत्ति और इच्छा शक्ति से सुलझा सकते हैं।
इमरान खान ने करतारपुर गलियारे के आधारशीला समारोह में कहा कि ‘जब भी मैं भारत गया मैंने कहा कि पाकिस्तान में राजनीतिक हस्तियां एक जुट है लेकिन सेना दोनों राष्ट्रों के मध्य संबंधों को अनुमति नहीं देती है’।
उन्होंने कहा कि ‘मैं कहता हूँ, आज पाकिस्तान के सभी दल, सरकार और सेना दोनों राष्ट्रों के मज़बूत संबंधों को चाहती है, हम आगे बढ़ना चाहते हैं, हम भारत के साथ एक सभ्य रिश्ता चाहते हैं। इस समारोह में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, हरदीप सिंह पूरी और पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू उपस्थित थे।