पाकिस्तान की नवनिर्वाचित सरकार के मुखिया इमरान खान ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान पर आर्थिक विपदा आन पड़ी है।
हमारे पास पाकिस्तान में विकास करने के लिए पैसे नहीं है। अल्लाह ने हमे बदलने के लिए संकेत दिए हैं। साथ ही उन्होंने कहा अधिकारियों को अधूरे परियोजना कार्यो को पूर्ण करके पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को सुधारना होगा।
पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक पाक की युवा पीढ़ी रोजगार की तलाश में जुटी है और पाक को कर्ज के जाल से बाहर निकलना होगा। लेकिन पाकिस्तान चीन के क़र्ज़ में इस कदर डूब चुका है कि उससे पार पाना मुश्किल है।
पीटीआई प्रमुख ने कहा कि हमें अपने राष्ट्र और खुद में परिवर्तन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा आम नागरिकों को जिम्मेदारी उठाने के लिए आगे आना होगा।
पाक प्रधानमंत्री ने कहा की वह देश के लिए काम करने वालों के साथ है फिर चाहे उनकी विचारधाराएं आपस में मेल न खाती हो।
उन्होंने पाक नौकरशाहों को राजनीति दबाव से दूर रखने का आश्वासन दिया। पीटीआई प्रमुख ने अधिकारियों की तनख्वाह को लेकर कहा कि पहले अधिकारियों को उपयुक्त वेतन मिलता था वे भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं होते थे।
पाक प्रधानमंत्री ने एक वाकये का जिक्र करते हुए कहा कि सिविल सर्विस में कार्यरत होने के बावजूद मेरा दोस्त अपने बच्चों की स्कूल फीस चुकता करने में असमर्थ है।
ज्ञात हो हाल ही में अमरीका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य राशि पर रोक लगा दी थी। जब पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का दरवाजा खटखटाने की सोची तो अमेरिका ने आईएमएफ को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर वह पाकिस्तान को कर्ज देता है तो नतीजे भुगतने को तैयार रहें।