पाकिस्तान सीमा पर ईरानी सेना के फौजियों की हत्या के बाद तेहरान का इस्लामाबाद पर गुस्सा फूटा है। मीडिया सूत्रों के मुताबिक ईरान से सटे पाकिस्तानी बॉर्डर पर ईरान के सुरक्षा दस्ते के 10 सैनिक गायब हो गए हैं। एक सुन्नी उग्रवादी समूह ने इस नापाक हमले की जिम्मेदारी ली है।
रेवोलुशन गार्ड ने बयान जारी कर कहा कि उनके सैनिकों को एक आतंकी समूह ने बंदी बना लिया है। ये आतंकी समूह सिस्टन- बलूचिस्तान प्रान्त की सीमा पर है। मीडिया ख़बरों के मुताबिक सुबह 4 से 5 बजे के वक़्त 14 सुरक्षा कर्मियों को बंदी बनाया गया था हालाँकि सरकारी अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
सुन्नी आंतकी समूह जैश अल-अदल के प्रवक्ता ने बताया कि उनके कब्जे में 10 लोग हैं। आतंकी प्रवक्ता ने रायटर्स को भेजे एक वॉइस सन्देश में कहा कि सुबह जैश अल-अदल के लड़ाकों ने मिर्जेवेह पोस्ट पर हमला किया और हथियारों को कब्जे में ले लिया है। न्यूज़ एजेंसी रायटर्स को यह सन्देश एक कार्यकर्ता के हवाले से मिला हालाँकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पायी है।
ईरान ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि पाकिस्तान की सरजमीं आतंकवादियों के लिए सुरक्षित स्वर्ग है। इस्लामाबाद ने अगर आतंकियों के खिलाफ सख्त कदम न उठाये तो ईरान आतंकियों के ठिकाने तबाह कर देगा।
रेवोलुशन गार्ड ने बयान जारी कर कहा कि पाकिस्तान इन आतंकवादी समूहों पर नकेल कसे। ये समूह क्षेत्रीय सहयोग से पोषित हो रहे हैं। ईरान के अपहरण किये गए सैनिकों को तत्काल रिहा किया जाए।
इससे पूर्व रेवोलुशनरी गार्ड ने सीमा पार करते हुए चार सुन्नी आतंकवादियों का खात्मा किया था। इसमें जैश अल-अदल का उप-कमांडर भी था। मिर्जेवेह सुन्नी बहुल क्षेत्र है जहां आतंकियों का ठिकाना है। दोनों राष्ट्रों के मध्य इस सीमा पर सैनिकों और आतंकियों के बाच मुठभेड़ का एक पुराना इतिहास है।
पाकिस्तानी सरकार नें इस बारे में कहा है कि वह गायब हुए सैनिकों को ढूंढने में पूरा सहयोग करेगी।