Fri. Nov 22nd, 2024
    पाकिस्तानी ध्वज

    पाकिस्तान ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल न करने यानी अप्रसार संधि की तरफ कदम बढ़ाने की इच्छा जाहिर की है, लेकिन यह तभी संभव होगा जब भारत भी ऐसा ही करेगा। रूस की न्यूज़ एजेंसी स्पुटनिक से बातचीत करते हुए पाकिस्तानी प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि “इस्लामाबाद परमाणु हथियार को असल जंगों से बचाव के लिए निवारक औजार के रूप में देखता है।”

    उन्होंने कहा कि “जब हमने परमाणु हथियार का निर्माण किया और भारत ने भी साल 1998 में कर लिया था, तब हमने इस हथियार को दोनों देशों एक मध्य पारम्परिक युद्ध की संभावनाओं को खत्म करने के लिए रखने की ठान ली थी। इसलिए कह सकते हैं कि यह निवारण का औजार है और राजनीतिक चयन है। कोई भी समझदार देश बिना बातचीत के परमाणु हथियार के इस्तेमाल को तव्वजो नहीं देगा।”

    आसिफ गफूर ने कहा कि “देश की सुरक्षा सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने के बाबत चर्चा करना, पागलपन होगा। हम कोई भी कार्य करने को तैयार है जो समानता पर आधारित हो। आप पाकिस्तान के हाथ बाँध नहीं सकते हैं और भारत को खुला नहीं छोड़ सकते हैं। जो भी होगा वह दोनों देशों के लिए होना चाहिए।”

    आसिफ गफूर ने भारत पाकिस्तान सम्बन्ध के मध्य सुलह के लिए तीसरे देश के मध्यस्थता की पैरवी की और कहा कि “हम तीसरी पार्टी की मध्यस्थता का स्वागत करते हैं, जो क्षेत्र में शान्ति लेकर आये। रूस का इसमें हार्दिक स्वागत है।”

    कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 से अधिक जवान शहीद हो गए थे। जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान की सरजमीं पर आसरा लिए जैश ए मोहम्मद ने ली थी। यह आतंकी हमला एक आत्मघाती हमलावर द्वारा किया गया था, जिसने विस्फोटक से भरी कार को सीआरपीएफ की बस में टक्कर मार दी थी। काफिले में 70 से अधिक वाहन और 2,500 से अधिक कर्मी थे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *