बीते पाँच दिनों से अनशन पर बैठे समाजसेवी अन्ना हज़ारे ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि नरेंद्र मोदी सरकार अपने वादों को पूरा नहीं करती है तो वे उन्हें मिला हुआ पद्म भूषण सम्मान लौटा दंगे।
अभी एक दिन पहले ही भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने भी अन्ना हज़ारे का समर्थन करते हुए उनसे समाजसेवी नेता जयप्रकाश नारायण का अनुसरण करते हुए भ्रष्टाचार से लड़ने का आग्रह किया है।
मालूम हो कि समाजसेवी अन्ना हज़ारे पिछले पाँच दिनों से भूख अनशन पर बैठे हैं। आना की माँग है कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध कार्यवाही के लिए लोकपाल और लोकयुक्त की नियुक्ति हो।
रविवार की शाम पीटीआई से बात करते हुए अन्ना ने कहा है कि ‘अगर ये सरकार अपने वादों को पूरा नहीं करती है, तो मैं अपना पद्म भूषण लौटा दूंगा।’
मालूम हो कि अन्ना हज़ारे को देश का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान वर्ष 1992 में दिया गया था।
अन्ना की मांगों में लोकपाल व लोकयुक्त के साथ ही स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों को लागू करना शामिल है।
अन्ना के अनशन के समर्थन में किसानों और युवाओं ने अहमदाबाद-पुणे हाइवे को बाधित कर दिया, जिसके बाद हाइवे पर दोनों ही तरफ से 6 किलोमीटर लंबा जाम लग गया।
इसी के साथ ही वहाँ मौजूद पुलिस अधिकारियों ने करीब 110 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिए, जिन्हें ट्रैफिक व्यवस्था सुचारु हो जाने के बाद ही छोड़ा गया है।
गौरतलब है कि पिछले पाँच दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे अन्ना का स्वास्थ उनका साथ नहीं दे रहा है। उनकी जांच करने वाले डॉक्टर धनंजय पोटे ने बताया है कि अन्ना ने पिछले 5 दिनों में 3.8 किलो वजन गँवा दिया है। इसी के साथ ही उनका रक्तचाप व शरीर में शुगर की मात्रा काफी बढ़ गयी है।
खबर है कि सोमवार को अन्ना के समर्थन में करीब 5 हज़ार प्रदर्शनकारी अहमद नगर कलक्टर के ऑफिस का घेराव कर सकते हैं।
वहीं शिवसेना ने भाजपा से अन्ना हज़ारे की ज़िंदगी से न खेलने की बात कही है। शिवसेना के अनुसार अन्ना को जीडी अग्रवाल की तरह नहीं बल्कि नारायण जैसी भूमिका निभानी चाहिए।