Thu. Oct 31st, 2024

    8 नवम्बर को सरकार द्वारा नोटबंदी लागु किये 1 साल हो जायेगा। इस वर्षगांठ के मौके पर विपक्षी दलों ने मिलकर इसे काला दिवस के रूप में मनाने का आयोजन किया है। विपक्ष के कुल 18 दल मिलकर काला दिवस मनाएंगे। हालाँकि अभी किसी भी प्रकार की पुष्टि नहीं पायी है कि इस काले दिवस को विपक्षी दल हड़ताल, बंद, प्रदर्शन या किसी अन्य तरीके से मनाएंगे।

    नोटबंदी के एक साल पूरा होने पर विपक्ष ने इस मामले में मोदी सरकार को घेरते हुए इस नोटबंदी की स्कीम को ‘स्कैम ऑफ़ द सेंचुरी’ बताया है, और इस दिन को ब्लैक डे यानि काला दिवस मनाने का फैसला किया है। पीएम मोदी ने 8 नवम्बर को लोगो को सम्बोधित किया था जिसमे उन्होंने नोटबंदी की बात कही थी।

     

    नोटबंदी एक सरसरी निगाहों में

    नोटबंदी का ऐलान 8 नवम्बर 2016 को रात 8 बजे लिया गया था। इसमें पीएम मोदी ने कहा था कि इसमें 500 और 1000 रूपये के नोट चलन से बहार हो जायेंगे। नोटबंदी का फैसला लेने का कारण पीएम मोदी ने ब्लैकमनी को रोकने का बताया था, उन्होंने कहा था कि देश का काला धन 500 और 1000 रूपये के नोट में है, जिसे नोटबंदी के बाद चलन से बाहर कर दिए गए थे।

    नोटबंदी को सबसे पहले कालेधन पर लगाम लगाने की बात की जा रही थी फिर इसे कैशलेस सोसाइटी से जोड़ा गया, इसके अलावा टेरर फंडिंग और अन्य कारणों से भी नोटबंदी को जोड़ा गया था। इन सभी मामलो में सरकार अंत तक इसे एक सफल कदम बताती रही, वही विपक्ष ने इसे सबसे बड़ा घोटाला बताया था।

    इस साल आरबीआई की रिपोर्ट आयी थी जिसके मुताबिक उन्हें कोई जानकारी नहीं है कि देश में नोटबंदी के बाद कालाधन या ब्लैकमनी में कितनी कमी हुई। रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी के बाद 1000 और 500 रूपये के 99 फीसदी नोट वापस बैंको में लौट आये।

     

    विपक्षी दल हुए एक

    नोटबंदी को एक साल की सालगिरह को विपक्ष काला दिवस के रूप में मनाने जा रहा है, इसमें सभी विपक्ष दल एक हो चुके है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने आज प्रेस को सम्बोधित करते हुए कहा कि पिछले वर्ष 8 नवम्बर को पीएम मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी जिसके कारण देश में अर्थव्यवस्था की हालत बुरी हुई, बेरोज़गारी बढ़ी, जीडीपी कम हुई इन सब कारणों से कहा जा सकता है नोटबंदी भारत के लिए एक काला दिन थी। सभी विपक्ष दलों ने मिलकर एक मीटिंग का आयोजन किया जिसमे काला दिवस मनाने का फैसला लिया गया। इस मीटिंग में कांग्रेस के गुलाम नबी आज़ाद, जेडीयू लीडर शरद यादव, बीएसपी के सतीश मिश्रा, डीएमके के कनिमोझी, लेफ्ट से डी राहा और टीएमसी से डेरेक ओ ब्रायन उपस्थित थे।

    सरकारी आंकड़ों से सरकार को घेरा

    राज्यसभा के विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने नोटबंदी को सदी का सबसे बड़ा घोटाला बताया, उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़े के अनुसार नोटबंदी से 120 लोग मारे गए है, जबकि अनाधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इनकी संख्या 300-400 है। उन्होंने आगे कहा कि ने यह फैसला काला धन, जाली मुद्रा, आतंकवादियों के पोषण को रोकने जैसे कारणों की वजह से लिया गया था परन्तु इनमे सेकोई भी मक़सद पूरा नहीं हुआ। क्योकि बैंको में 99% मुद्रा वापस आ गयी है। गुलाम नबी आज़ाद ने मनमोहन सिंह द्वारा दी हुई चेतावनी भी याद करवाई उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री ने भी आशंका जताई थी की जीडीपी 2% गिर सकती है, वह पूरी तरह सच साबित हुई है।

     

    तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी को याद दिलाया 2016

    पिछले साल हुई नोटबंदी का तृणमूल कांग्रेस ने शुरू से विरोध किया था, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने उस वक़्त इसका विरोध किया था। प्रेस में मौजूद टीएमसी के प्रवक्ता ने कहा कि तृणमूल की और से नोटबंदी के बारे में जो भी आशंकाए जताई जा रही थी, सरकार ने आजतक उन सभी में से एक का भी जवाब नहीं दिया है।