नेपाल के दक्षिणी मैदानों में रविवार को भयानक आधी तूफ़ान आया था जिससे काफी जान-माल का नुकसान हुआ है। नेपाल में हुई जनहानि के प्रति चिंता व्यक्त करने वाला भारत पहला राष्ट्र है। भारत और नेपाल के सम्बन्ध सांस्कृतिक और पारम्परिक तौर से जुड़े हुए हैं।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि “नेपाल में जान हानि और संपत्ति के नुकसान को सुनकर हम काफी दुखी है। नेपाल के बारा और परसा जिले में विध्वंशक आंधी-तूफ़ान आया था। अपने परिवारजनों को खोने वाले, जख्मी लोगों और संपत्ति का नुकसान झेल रहे लोगों के साथ हमारी दुआएं हैं।”
विदेश मंत्रालय के मुताबिक “भारत सरकार नेपाल की जरुरत के मुताबिक राहत सामग्री मुहैया करने के लिए भी तत्पर है। काठमांडू में हमारे दूतावास और बीरगंज में हमारा वाणिज्य दूतावास सम्बंधित विभागों के साथ संपर्क में हैं।”
We are deeply saddened to learn of the loss of life and damage to property in #nepalstorm. Our thoughts & prayers are with all those who have lost their dear ones, sustained injuries or suffered damage to their property. https://t.co/iJsfnrl37q pic.twitter.com/5CSazVFOT9
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) April 2, 2019
प्रांत के आंतरिक और कानून मामलों के मंत्री ज्ञानेंद्र कुमार यादव के मुताबिक विध्वंशक आंधी तूफ़ान में बारा और परसा जिलों को तबाह कर दिया था। इसमें मंगलवार को 35 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। प्रांतीय सरकार ने रविवार को तूफ़ान के पीड़ितों को 3 लाख का मुआवजा देने का ऐलान किया है। साथ ही जख्मी लोगों का मुफ्त इलाज करने की घोषणा की है।
तूफ़ान के कारण अपना घर गँवा बैठे लोगों को मज़बूरा सोमवार को खुले में सोना पड़ा था जबकि केंद्रीय और राज्य सरकारों ने तत्काल प्रभावित लोगों को संरक्षण के लिए तिरपाल और अस्थायी शिविर मुहैया किये थे।