नस में दर्द को तंत्रिका दर्द या साइटिक दर्द भी कहा जाता है।
साइनाटिका एक और शब्द है जो तंत्रिका दर्द के लिए उपयोग किया जाता है। यह दर्द आमतौर पर निचले हिस्से से फैला होता है और आपके घुटनों की ओर विकिरण करता है।
साइटिक तंत्रिका आपके शरीर में सबसे बड़ी तंत्रिका होती है, और यह आपके रीढ़ की हड्डी में तंत्रिका जड़ों से शुरू होता है और आपके नितंबों के माध्यम से निचले अंग तक फैलता है।
विषय-सूचि
नस में दर्द के कारण
नस का दर्द कई कारणों से हो सकता है। मुख्य रूप से ये कारण अन्ध्रुनी होते हैं। नस में दर्द होने के मुख्य कारण निम्न हैं:
- एक आसन्न हड्डी द्वारा साइटिक तंत्रिका में जलन
- ट्यूमर
- आंतरिक रक्तस्राव
- कमर की रीढ़ की हड्डी के आसपास संक्रमण
- गर्भावस्था
नस में दर्द के लक्षण
जब नसों में दर्द होता हैं, तो आसपास के अंगों में बुरी तरह पीड़ा और जलन होती है।
- कमर के निचले हिस्से में जलन या पीड़ा
- प्रभावित स्थान का सुन्न पड़ जाना
- कमर के आस पास दर्द
- नितम्बों के आस पास दर्द
- पैरों में दर्द
- कूल्हों में दर्द
- चलने में तकलीफ
नस में दर्द का इलाज और उपाय
हल्दी
हल्दी के अधिकतर गुण इसमें मौजूद कर्कुमिन के कारण होते हैं। कर्कुमिन में एंटीइंफ्लेमेटरी के साथ ही एनलजेसिक गुण भी होते हैं जो नस के दर्द और सूजन को कम करने में उपयोगी होते हैं।
सामग्री:
- 1 चम्मच हल्दी चूर्ण
- 1 कप गर्म दूध
कैसे इस्तेमाल करें?
- 1 चम्मच हल्दी 1 कप गर्म दूध में डाल दें।
- अच्छी तरह मिलाकर पी लें।
- आप हल्दी और तिल के तेल का पेस्ट बनाकर प्रभावित स्थान पर लगा भी सकते हैं।
प्रतिदिन 1-2 बार इसका प्रयोग करें।
अजवाइन का जूस
अजवाइन का जूस साईटिक दर्द को ठीक करने का अन्य उपयोगी तरीका होता है। यह दर्द और सूजन को कम कर देता है और इसमें ज़बरदस्त एंटीइंफ्लेमेटरी और दर्द निवारक गुण होते हैं।
सामग्री:
- 1 छोटा कप कटी हुई अजवाइन
- 1- 11.5 कप पानी
- शहद
कैसे इस्तेमाल करें?
- ताज़ी अजवाइन लेकर उसके टुकड़े कर लें।
- इसमें पानी डालकर पीस लें।
- इसमें थोडा शहद डालकर इसे पी लें।
1 कप अजवाइन का रस रोज़ पीयें।
वेलेरियन जड़
वेलेरियन जड़ को काफी समय से कई समस्याओं का निवारण करने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसके प्राकृतिक एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीस्पस्मोदिक गुण मांसपेशियों को आराम देते हैं।
सामग्री:
- 1-2 चम्मच वेलेरियन जड़
- 1 कप पानी
- शहद(ऐच्छिक)
कैसे इस्तेमाल करें?
- वेलेरियन जड़ को पानी में डालें और उबाल लें।
- इसे 5 मिनट तक धीमे पर पकने दें।
- इसे ठंडा होने दें फिर इसमें शहद डाल लें।
- इसे पी लें।
वेलेरियन टी दिन में 3-4 बार पीयें।
मेथी के दाने
मेथी के एंटीइंफ्लेमेटरी और एनलजेसिक गुण युक्त होते हैं और साईटिक दर्द और उसके लक्षणों को घटाने में उपयोगी होते हैं।
सामग्री:
- 2 चम्मच मेथी चूर्ण
- थोडा सा दूध
कैसे इस्तेमाल करें?
- मेथी के चूर्ण को उबले हुए दूध के साथ मिला लें। पेस्ट ज्यादा पतला नहीं होना चाहिए।
- प्रभावित स्थान पर पेस्ट लगायें और उसे सूखने दें।
- गर्म पानी से धो लें।
- आप कुछ मेथी के दाने पानी में उबालकर भी रोज़ ले सकते हैं।
इसे प्रतिदिन 1-2 बार लें।
एलो वेरा है नस में दर्द का इलाज
एलो वेरा में एंटीइंफ्लेमेटरी और आराम देने वाले गुण होते हैं। इसमें मौजूद पोलीसैकराइड चिकित्सीय गुण प्रदान करते हैं। शोध में इसे नस के दर्द के निवारण में अत्यधिक उपयोगी पाया गया है।
सामग्री:
- 1/4 गिलास एलो वेरा का रस
कैसे इस्तेमाल करें?
- एलो वेरा का रस पी लें।
- आप एलो वेरा जेल की पतली परत प्रभावित स्थान पर लगा भी सकते हैं।
इसे प्रतिदिन 1 बार इस्तेमाल करें।
कैमोमाइल टी
कैमोमाइल एक ऐसी जड़ी बूटी है जिसे इसके चिकित्सीय गुणों के कारण इस्तेमाल किया जाता है। यह एंटीइंफ्लेमेटरी होता है और दर्द के निवारण में उपयोगी होता है।
सामग्री:
- 1 चम्मच कैमोमाइल जड़ी बूटी
- 1 कप गर्म पानी
- शहद
कैसे इस्तेमाल करें?
- 1 चम्मच कैमोमाइल जड़ी बूटी 1 कप गर्म पानी में डाल लें।
- इसे 10-15 मिनट तक रखा रहने दें।
- इसे छान लें और ठंडा होने दें।
- इसमें थोडा शहद डालें और ठंडा होने से पहले पी लें।
इसे प्रतिदिन कम से कम 3 बार इस्तेमाल करें।
नीम्बू का रस करे नस के दर्द का इलाज
नीम्बू में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। विटामिन सी नस में होने वाले दर्द को कम करता है और अपने एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों के कारण इसके लक्षणों को भी घटा देता है।
सामग्री:
- 1/2 नीम्बू
- 1 गिलास पानी
- शहद
कैसे इस्तेमाल करें?
- नीम्बू को निचोड़ लें और पानी के साथ मिला लें।
- इसमें शहद डालें रोज़ पीयें।
इसे प्रतिदिन कम से कम 1 बार लें।
सेब का सिरका
नमकीन गर्म पानी में सेब का सिरका मिलाने से यह नस के दर्द में अतिउपयोगी साबित होता है।
सामग्री:
- 500 मिलीलीटर सेब का सिरका
- 1 कप नमक
- 1 बाल्टी गर्म पानी
कैसे इस्तेमाल करें?
- गर्म पानी की बाल्टी में सेब का सिरका डाल लें।
- इसमें एक कप सेंधा नमक डालकर मिला लें।
- इसमें अपने पैरों को 10-15 मिनट के लिए डाल लें।
इसे हफ्ते में 3-4 बार इस्तेमाल करें।
हॉर्सरैडिश
हॉर्सरैडिश में प्राकृतिक चिकित्सीय और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो नस में दर्द और उसके लक्षणों को दूर कर देते हैं।
सामग्री:
- 1/2 हॉर्सरैडिश
- 1 साफ़ जालीदार कपडा
कैसे इस्तेमाल करें?
- हॉर्सरैडिश को पीसकर पेस्ट बना लें।
- इस पेस्ट को प्रभावित स्थान पर लगायें और साफ़ जालीदार कपडे से ढक लें।
- इसे रातभर लगा रहने दें।
इसे प्रतिदिन रात में सोने से पहले इस्तेमाल करें।
एल्डरबेरी का रस
एल्डरबेरी में नस के दर्द को ठीक करने के गुण होते हैं और ये सूजन और दर्द से प्राकृतिक रूप से आराम देता है।
सामग्री:
- 1 चम्मच ओर्गानिक एल्डरबेरी
- 1 कप गर्म पानी
- शहद
कैसे इस्तेमाल करें?
- 1 चम्मच ओर्गानिक एल्डरबेरी 1 कप गर्म पानी में डाल लें।
- इसे 10-15 मिनट के लिए छोड़ दें।
- इसे छान लें और ठंडा होने से पहले ही पी लें।
- इसका स्वाद बढाने के लिए आप इसमें शहद भी डाल सकते हैं।
इसे प्रतिदिन 2-3 बार पीयें।
सफ़ेद विलो की छाल
सफ़ेद विलो की छाल में सैलिसिन नामक यौगिक होता है जिसमें दर्द निवारक के गुण होते हैं। ये साइटिका के दर्द को ठीक करने में अत्यधिक उपयोगी होता है।
सामग्री:
- 2 चम्मच सफ़ेद विलो की छाल
- 1 कप पानी
- शहद
कैसे इस्तेमाल करें?
- 2 चम्मच सफ़ेद विलो की छाल 1 कप पानी में डाल लें।
- पानी को उबाल लें।
- धीमी आंच पर 5-10 मिनट उबलने दें फिर छान लें।
- इसे ठंडा होने दें। थोडा सा शहद डालें और चाय को पी लें।
उच्च परिणामों के लिए इसे प्रतिदिन 3-4 बार पीयें।
नस में दर्द का इलाज अदरक
अदरक का तेल बाहरी रूप से साइटिका के दर्द में राहत देता है और अदरक की चाय अंदरूनी रूप से साइटिका का निवारण करती है।
सामग्री:
- अदरक की 1 गाँठ
- 1 कप गर्म पानी
- शहद
कैसे इस्तेमाल करें?
- गर्म पानी में अदरक डाल लें और 10-15 मिनट तक छोड़ दें।
- इसे छान लें और ठंडा होने दें।
- जब चाय ज्यादा गर्म न हो तब उसमें शहद डाल लें।
इस चाय को प्रतिदिन कम से कम 3 बार पीयें।
पुदीने का तेल
पुदीने को अक्सर दर्द निवारक की तरह इस्तेमाल किया जाता है। इसमें ज़बरदस्त एंटीइंफ्लेमेटरी और एनलजेसिक गुण होते हैं।
सामग्री:
- 4-5 बूँदें पुदीने का तेल
- 1 बड़ा चम्मच नारियल का तेल या जोजोबा ओइल
कैसे इस्तेमाल करें?
- पुदीने के तेल को नारियल के तेल या जोजोबा ओइल के साथ मिला लें।
- इस मिश्रण को प्रभावित स्थान पर लगायें।
इस प्रतिदिन 1-2 बार लगायें।
लहसुन का दूध
लहसुन ऐसी जड़ी बूटी है जो अपने स्वाद और फायदे के लिए जानी जाता है। इसके एंटीइंफ्लेमेटरी गुण साइटिका में बहुत उपयोगी होते हैं।
सामग्री:
- 10 लहसुन की कलियाँ
- 2 कप दूध
- 1 कप पानी
- शहद(ऐच्छिक)
कैसे इस्तेमाल करें?
- दूध, पानी और कुचली हुई लहसुन की कलियाँ उबाल लें।
- इसे धीमी आंच पर 5 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर छान लें।
- इसे थोडा ठंडा होने दें। फिर शहद डाल लें।
इसे प्रतिदिन 2 बार पीयें।
हॉट एंड कोल्ड कॉम्प्रेस
ये नस के दर्द के निवारण के लिए सबसे अच्छा तरीका होता है। हॉट कॉम्प्रेस सूजन कम कर देता है और कोल्ड कॉम्प्रेस प्रभावित स्थान को सुन्न कर देता है।
सामग्री:
- साफ़ जालीदार कपडा
- 1 कटोरी गर्म पानी
- बर्फ के टुकड़े
कैसे इस्तेमाल करें?
- साफ़ जालीदार कपडा लें और उसे गर्म पानी में भिगो लें।
- अतिरिक्त पानी निचोड़ दें और प्रभावित स्थान पर कपडा रख लें। जब आपका शरीर गर्मी सोख ले तो कपडे को दोबारा गीला करके इस प्रक्रिया को दोहराएं।
- इसके अलावा आप कुछ बर्फ के टुकड़े कपडे में रखकर भी प्रभावित स्थान पर रख सकते हैं।
इसे प्रतिदिन कई बार इस्तेमाल करें।
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My hand and shoulder nerve is paining. I took medicine then tried natural remedy. Now it’s fine.
Ye article mere liye bahut helpful thank
Thank you
aaj khelte khelte mere haath mood gayaa or ab iski nasho mein bahut dard ho rahaa ha .isko jaldi se rokne kaa koi tareeka bataaiye. .