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    दिल्ली पटाखों पर बैन प्रदुषण

    देश की राजधानी दिल्ली पर हर साल की तरह इस साल भी अधिक वायु प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। इस बार दिल्ली में दिवाली के ठीक बाद वायु प्रदूषण अपने निम्नतम स्तर को छू सकता है।

    हालाँकि अभी पिछले 2 दिनों से प्रदूषण विभाग द्वार जारी किए जा रहे आँकड़ों के अनुसार देश की राजधानी दिल्ली की हवा का स्तर बेहद खराब है। ऐसे में आने वाले कुछ एक दिनों में ही दिल्ली के आस पास के इलाकों में दिवाली की आतिशबाज़ी के चलते निकलने वाले धुएँ से दिल्ली के वायुमंडल का सूरत-ए-हाल बिगाड़ना लाज़मी है।

    इस समय हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में पराली (खेतों में बची हुई फसल के अंश) जलायी जा रही है, जिसकी वजह से पंजाब और हरियाणा की तरफ से हवा का रुख दिल्ली की तरफ मुड़ने के साथ ही दिल्ली की हवा के लिए भारी संकट पैदा हो सकता है।

    इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पर्यावरण प्रदूषण (नियंत्रण और बचाव) प्राधिकरण ने गुरुवार को एक सूचना जारी की है। प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में दिल्ली की हवा पहले ही अपने निम्नतम स्तर पर है।

    राजधानी दिल्ली में बुधवार को AQI 328 रिकॉर्ड किया गया था, आमतौर पर 300-400 के बीच AQI को बेहद खराब माना जाता है।

    देश में प्रदूषण पर नज़र रखने वाले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक अनुमान जारी किया है कि दिल्ली की हवा का स्तर अभी और भी गर्त में जा सकता है। ऐसे में राज्य को इसके लिए अलग से इंतजाम करने होंगे।

    इसी के साथ दिल्ली में ठंड का प्रकोप भी बढ़ना शुरू हो गया है। दिल्ली में ठंड मौसम में कोहरे के साथ ही प्रदूषण युक्त धुंध की चादर किसी को भी गंभीर रूप से बीमार बना सकती है।

    फिलहाल विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि दिल्ली में 1 नवंबर से प्रदूषण का स्तर अचानक से बढ़ता हुआ दिख सकता है। हवाएँ इस समय पश्चिम से चल रहीं रहीं है, इस वजह से पंजाब और हरियाणा में जलायी जा रही पराली से उत्पन्न प्रदूषण हवा के सहारे दिल्ली शहर में 1 नवंबर के आसपास प्रवेश करेगा। ऐसे में वर्तमान में प्रदूषण से बेहाल दिल्ली तब और भी अधिक बेबस हो जाएगी।

    प्रदूषण रिकॉर्ड के मुताबिक वर्ष 2016 में एनसीआर ने दिवाली के बाद 17 सालों में सबसे बुरे प्रदूषण को देखा था। तब AQI को 486 रिकॉर्ड किया गया था।

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