Sat. May 4th, 2024
धर्मगुरु और मीडिया करें लोगों को अंगदान के लिए प्रेरित, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने की अपील

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को धर्मगुरुओं और मीडिया से लोगों की शंकाओं को दूर करने और अंगदान के लिए प्रोत्साहित करने की पर जागरूकता फैलाने की अपील की। उन्होंने कहा कि अंगदान का निर्णय एक संवेदनशील और निजी विषय है जो लोगों के धार्मिक विश्वासों से जुड़ा है। अंगदान हेतु प्रेरित करने में हमारे धर्म गुरुओं की महत्वपूर्ण भूमिका है।

दिल्ली में दधीचि देहदान समिति द्वारा आयोजित स्वस्थ सबल भारत सम्मेलन में अंग दान के लिए राष्ट्रीय अभियान के शुभारंभ के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने अंग दान को एक संवेदनशील मुद्दा बताया और अंग दान के लिए एक सहायता प्रणाली बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस संबंध में सही परितंत्र के निर्माण के प्रयास के लिए दधीचि देह दान समिति की सराहना करते हुए उन्‍होने इच्‍छा जताई कि इन प्रयासों को परिवार के स्‍तर तक पहुंचना चाहिए। 

उन्‍होंने कहा, “इस मिशन में मीडिया और सोशल मीडिया की अहम भूमिका है। हर मीडियाकर्मी को इस सार्थक संदेश को फैलाने में अपना योगदान देना चाहिए।”

धनखड़ ने महर्षि दधीचि जयंती के अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए सभी से अनुरोध किया कि अपनी प्रसन्‍नता और समाज को वापस देने के लिए महान संत के जीवन और दर्शन का अनुकरण करें।

उपराष्ट्रपति ने कहा, “महर्षि दधीचि ने अपनी अस्थियां दान कर पूरी मानवता के सामने तप, त्याग और परोपकार का अनुपम उदाहरण रखा। एक ऐसी मिसाल जो ‘न भूतो न भविष्यति’। हमें ऐसे महान ऋषि के जीवन दर्शन से प्रेरणा लेनी चाहिए।”

इस अवसर पर ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन की साध्वी भगवती सरस्वती द्वारा “सकारात्मकता से संकल्प विजय का” नाम से पुस्तक का विमोचन भी किया गया। विमोचन के बाद पूज्य साध्वी जी ने पुस्तक की पहली प्रति उपराष्ट्रपति को भेंट की।

सांसद डॉ. हर्षवर्धन, सांसद सुशील मोदी, वरिष्ठ अधिवक्ता और दधीचिदेह दान समिति के संरक्षक आलोक कुमार, अंग दाताओं के परिवार के सदस्य, 22 राज्यों के गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि,  डॉक्टर और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

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