आने वाली फिल्म द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर, जो 2004-2010 के यूपीए सरकार के दौरान मनमोहन सिंह की बायोपिक है, अपने ट्रेलर रिलीज के बाद से ही विवादों से जूझ रही है। इस फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का किरदार निभा रहे अभिनेता अनुपम खेर ने कहा कि फिल्म को सर्टिफिकेट देने का अधिकार सिर्फ सेंसर बोर्ड को है। उन्होंने कहा कि किसी को भी अधिकार नहीं की वो रिलीज से पहले फिल्म को दिखाने की मांग करे।
शुक्रवार को, महाराष्ट्र राज्य युवा कांग्रेस के अध्यक्ष सत्यजीत ताम्बे पाटिल ने फिल्म के निर्माता को एक पत्र भेजा था, जिसमे फिल्म रिलीज होने से पहले कांग्रेसी नेताओं के लिए विशेष स्क्रीनिंग की मांग थी। उन्होंने ट्रेलर देख कर फिल्म में “तथ्यों की गलत प्रस्तुति” पर आपत्ति जताई।
इस मुद्दे पर अपना विचार साझा करते हुए फिल्म में मनमोहन सिंह की भूमिका निभाने वाले अभिनेता अनुपम खेर ने मीडिया से कहा: “किसी को भी यह अधिकार नहीं है कि वह इसे रिलीज़ करने से पहले हमें अपनी फिल्म उन्हें दिखाने के लिए कहें। यह फिल्म पुस्तक पर आधारित है उस किताब पर आधारित है जो 2014 में ही आ गई थी और इसे उस वक़्त प्रधानमंत्री के सबसे करीबी ने लिखा था और ये फिल्म उन्ही तथ्यों पर आधारित है। हमने अधिकार खरीदे हैं और सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया है। सब कुछ लोगों की जानकारी में था। मुझे किसी के लिए स्क्रीनिंग क्यों करनी चाहिए? हमने इसे सेंसर बोर्ड को दिखाया है और यही काफी है।”
उन्होंने कहा “अगर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कहें तो हम उन्हें ये फिल्म दिखाने को तैयार हैं।
फिल्म को डायरेक्टर विजय रत्नाकर गुट्टे ने बनाया है और ये इस फिल्म में खेर के अलावा, अक्षय खन्ना, आहना कमरा और अर्जुन माथुर ने मुख्य भूमिकाएं निभाई है।
कल भाजपा ने जब इस फिल्म का ट्रेलर सोशल मिडिया पर शेयर किया तो कई कांग्रेसी नेताओं ने आपत्ति जताई और कहा कि चुनावों के वक़्त ये फिल्म भाजपा का प्रोपेगेंडा है।