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    सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को 2014 के चुनावी हलफनामा में अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमो की जानकारी न देने के लिए नोटिस जारी किया है।

    सामाजिक कार्यकर्ता और वकील सतीश उके ने कोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसमे उन्होंने कहा था कि भाजपा नेता ने अपने चुनावी हलफनामे में अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की कोई जानकारी नहीं दी है जो पीपुल्स एक्ट 1951 के प्रतिनिधित्व के प्रावधानों का उल्लंघन है। याचिका में महाराष्ट्र विधानसभा में देवेन्द्र फडणवीस का चुनाव रद्द करने की मांग की गई है।

    चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में जस्टिस एस के कॉल और जस्टिस के एम जोसफ की बेच ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश  के खिलाफ दायर याचिका पर मुख्यमंत्री से जवाब माँगा है।

    Myneta.info पर फडणवीस के नामांकन के मुताबिक, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के खिलाफ कुल 22 आपराधिक मामले दर्ज हैं। उनके खिलाफ कुछ आरोपों में “हमले के लिए भड़काना, यदि हमला किया गया है”, “स्वेच्छा से खतरनाक हथियारों या साधनों से चोट पहुंचाने, गैरकानूनी जमावड़ा जैसे कई मामले शामिल है।

    गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता और वकील सतीश उके ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसमे कहा गया था कि देवेन्द्र फडणवीस ने अपने ऊपर दर्ज आपराधिक मामलों का खुलासा चुनावी हलफनामे में नहीं किया है इसलिए उनकी उम्मीदवारी और चुनाव रद्द किया जाए लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अब सतीश सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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