देश की सभी बड़ी दूरसंचार कंपनियों के लिए लगातार बुरी खबरें आ रही हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले तीन सालों में एयरटेल, आईडिया, वोडाफोन जैसी दूरसंचार कंपनियों का मुनाफा आधे भी कम हो गया है।
जाहिर है जिओ के आने के बाद से जिस प्रकार डेटा और कालिंग के दामों में गिरावट आई है, उससे अन्य कंपनियां अब तक संभल नहीं पायी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020 तक यह स्थिति ऐसे ही रहने वाली हैं। उसे बाद हालाँकि कुछ रिकवरी हो सकती है।
जाहिर है साल 2016 से पहले तक एक जीबी डेटा के लिए कम से कम 200-250 रुपए खर्च करने पड़ते थे। सितम्बर 2016 में जिओ नें घोषणा की थी कि वह फ्री में जिओ सिम दे रहा है, जिसमें लोगों को तीन महीनें के लिए मुफ्त 4जी डेटा और कालिंग मिलेगी। कंपनी नें बाद में इसे बढ़ाकर 6 महीने कर दिया था।
ऐसे में अन्य कंपनियों को भी तुरंत प्रभाव से अपने दामों को कम करना पड़ा था।
क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020 तक दामों में इसी प्रकार प्रतिद्वंदिता रहेगी, लेकिन फिर थोड़ी राहत दिख रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक टेलिकॉम सेक्टर में डेटा इस्तेमाल में 45 फीसदी की वृद्धि देखि गयी है, ग्राहकों की संख्या में 3 फीसदी की वृद्धि हुई है लेकिन लोगों द्वारा खर्च किये जाने वाली कीमत में 18-20 फीसदी की गिरावट आई है।
इस सेक्टर में कमाई साल 2019 में भी नीचे ही जायेगी, लेकिन बाद में यह संभल जायेगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, “जिओ नें जो कीमतों को लेकर जंग छेड़ी थी, उससे इस सेक्टर की कुल कमाई में वित्तीय वर्ष 2018 में लगभग 20 फीसदी की गिरावट आई है। कंपनियों के मुनाफे आधे से भी कम हो गए हैं, जो कि साल 2020 के बाद ही सुधरने के आसार दिख रहे हैं। इस दौरान आईडिया और वोडाफोन का मर्जर हो जाएगा और टेलिकॉम सेक्टर में संतुलन आ जाएगा।”
रिपोर्ट के मुताबिक, मुनाफे में अभी कोई वृद्धि नहीं होगी, क्योंकि मार्जिन लगातार गिर रहे हैं। ऊपर की तीन कंपनियों को सबसे ज्यादा असर पड़ने वाला है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया, “मुख्य तीन कंपनियों के मार्जिन में 250-300 बीपीएस की कमी आ सकती है, क्योंकि नेटवर्क ऑपरेशन कॉस्ट बढ़ गया है। इसके अलावा प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों में ही चुनौती गंभीर है। वित्तीय वर्ष 2016 और 2019 के बीच मुख्य तीन कंपनियों का मार्जिन 10 फीसदी तक गिर गया है, जिससे उनका मुनाफा 50% से भी कम हो गया है।”
जिस कंपनी को सबसे ज्यादा असर पड़ा है, वह है भारती एयरटेल, जिसका मार्जिन लगभग 1100 बीपीएस तक नीचे गिर गया है।
इसके अलावा कंपनियों पर कर्जा भी बड़ी तेजी से बढ़ गया है। वित्तीय वर्ष 2018 में टेलिकॉम जगत में कर्जा 3.5-3.7 ख़रब रूपए पहुँच गया है। यह कर्जा साल 2019 में भी बढेगा क्योंकि कंपनियों का मार्जिन और कमाई इस साल भी नीचे गिरती दिख रही है।
इन शीर्ष की तीन कंपनियों नें पहले ही यह घोषणा कर दी है, कि वे लगभग 65,000 करोड़ रूपए बांड्स, लोन आदि के जरिये हासिल करेंगे। इसके अलावा कंपनियां कुछ पैसा अपना हिस्सा बेचकर भी प्राप्त करेंगी।
कंपनियों के लिए राहत की सिर्फ एक बात है कि डिजिटल डेटा खपत में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे आने वाले समय में कंपनियों की कमाई बढ़ेगी।
सिर्फ साल 2018 में डेटा खपत 4 गुना तक बढ़ गयी है। इसका मुख्य कारण यह है कि लोगों को अब 4जी सिम के साथ-साथ 4जी फोन भी बड़ी कम कीमत में मिल रहे हैं। साल 2019 में भी ग्राहकों की संख्या में 45 फीसदी तक की वृद्धि देखने को मिल सकती है।
कंपनियों के बीच कीमत जंग की शुरुआत 2016 में शुरू हुई थी, जब जिओ नें धमाकेदार एंट्री ली थी। इसके बाद से एयरटेल और अन्य कंपनियों नें जिओ को रोकने की बहुत कोशिशें की, लेकिन उन्हें अपनी कीमतों को कम करने पर मजबूर होना पड़ा।
इस बारे में रिपोर्ट में कहा गया, “कंपनियों में टकराव और बढ़ गया है और यह आने वाले समय में बढ़ता ही दिख रहा है। कंपनियों की औषत कमाई इस साल 6-8 फीसदी गिर सकती है, लेकिन डेटा खपत बढ़ती रहेगी।”
विशेषज्ञों का मानना है कि साल 2020 तक इस क्षेत्र में संतुलन आ जाएगा, क्योंकि तब तक सिर्फ 2-3 बड़ी कंपनियां रह जायेंगी, जिससे कीमतों में भी सुधार देखने को मिलेगा।
आप यह पूरी रिपोर्ट अंग्रेजी में यहाँ पढ़ सकते हैं – https://www.pressreader.com/india/the-economic-times/20180814/281883004175157