दिल्ली में वायु प्रदूषण को देखते हुए अगले 10 दिन बेहद खास हैं। इसी के साथ 1 नवंबर से 10 नवंबर के बीच इन दस दिनों में दिल्ली के वायुमंडल के बेहद खराब स्थिति में पहुँचने के आसार हैं।
इसी के चलते दिल्ली व एनसीआर में उद्योगों के 10 दिन के लिए आंशिक आपातकाल जैसा माहौल बन गया है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम व नियंत्रण) प्राधिकरण (EPCA) ने चेतावनी जारी की है कि दिल्ली में प्रदूषण के हालत जरूरत से ज्यादा बिगड़ने पर वह दिल्ली में निजी वाहनों के सड़कों पे उतरने पर रोक लगा सकता है।
इसी के साथ दिल्ली में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने प्रदूषण को रोकने के लिए एक टास्क फोर्स का भी गठन किया है।
इसी के साथ EPCA के चेयरमैन भूरे लाल ने कहा है कि “इन सभी उपायों को राजधानी में प्रदूषण के पूर्वानुमान के चलते इसे रोकने के लिए किए जा रहे हैं।”
मालूम हो कि राजधानी में 1 नवंबर से 10 नवंबर के बीच मुंडका औद्योगिक क्षेत्र को बंद कर दिया गया है। इसी के साथ दिल्ली और उसके आस पास वाले एनसीआर इलाके में इस अवधि के बीच में किसी भी तरह के निर्माण पर भी रोक लगा दी गयी है।
वहीं इन इलाकों में ऐसे सभी उद्योगों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है, जो ईंधन के रूप में कोयला या बायो मास का उपयोग करते हैं।
इसी के साथ ही दिल्ली में डीजल जेनेरेटर पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है, जबकि बदरपुर पावर प्लांट को 15 अक्टूबर से ही बंद कर दिया गया है।
इसी के साथ किसी भी तरह की शिकायत के लिए CPCB ने अपना फेसबुक और टिवीटर अकाउंट शुरू किया है, इसके तहत इसके तहत नागरिक दिल्ली या एनसीआर में कहीं भी कूड़ा जलाए जाने या अन्य तरीकों से प्रदूषण फैलाये जाने की दशा में शिकायत दर्ज़ करा सकेंगे।