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    कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बिगड़ते हालात से राजधानी दिल्ली रोज जूझ रही है लेकिन केंद्रीय सरकार और दिल्ली सरकार के बीच आनाकानी थमने का नाम नहीं ले रही है। केंद्र सरकार ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार को मौजूदा संकट के लिए ज़िम्मेदार ही नहीं बताया बल्कि यह भी कहा कि अगर दिल्ली सरकार सही ढंग से काम करती तो कई जानें बचाई जा सकती थीं। उन्हें अपना लॉजिस्टिक्स सुधारने की ज़रूरत है।

    केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने 25 अप्रैल को दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव को एक पत्र लिखा था। गृह सचिव ने पत्र में लिखा है कि “दिल्ली सरकार अभी तक ट्रांसपोर्टेशन का मसला सुलझा नहीं पाई है, जबकि भारत सरकार को ऑक्सीजन का नियतन किए कई महत्वपूर्ण दिन बीत चुके हैं। आपसे अनुरोध है कि इस मुद्दे पर तत्काल कार्यवाही करें, जैसे कि अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अन्य अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है।”

    इसके बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार थाईलैंड से 18 क्रायोजेनिक टैंकरों और फ्रांस से 21 रेडी-टू-यूज ऑक्सीजन संयंत्रों का आयात करेगी। केजरीवाल ने कहा कि पिछले सप्ताह ऑक्सीजन के लिए दिल्ली में कई जगह हाथापाई देखी गई  है। लेकिन पिछले दो दिनों में स्थिति में काफी सुधार हुआ है। 

    केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह मुद्दा भी उठाया कि वर्तमान में ऑक्सीजन संकटों से कैसे बचा जा सकता था।अगर राज्य सरकार आपूर्तिकर्ताओं और प्राप्तकर्ता अस्पतालों के साथ सही रूप से जांच पड़ताल और मशवरा करती तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती थी।

    केंद्र ने अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार को शहर के अस्पतालों में ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए टैंकरों की असफल व्यवस्था के लिए कथित रूप से जिम्मेदार ठहराया है, कहा कि दिल्ली सरकार की  तेज प्लानिंग से दुखद घटनाओं को रोका जा सकता था।

    गृह सचिव ने कहा कि इस कठिन समय में यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि केंद्र सरकार और विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारें इस कोविड महामारी के संकट से निपटने और मानवीय पीड़ा को कम करने के लिए मिलकर काम करें।

    By दीक्षा शर्मा

    गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, दिल्ली से LLB छात्र

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